महानायक बिग B का 73वां जन्म दिवस आज

महानायक बिग B का 73वां जन्म दिवस आज
बॉलीवुड के पिता कहे जाने वाले व महानायक अमिताभ बच्चन का आज जन्म दिन है। महानायक अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड ही नहीं पूरी दुनिया ने उनको जन्म दिन की बधाई दी है। अमिताभ बच्चान अपने जीवन के 72 वर्ष पूरे कर 73 वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है।

अमिताभ बच्चान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन था। हरिवंश राय बच्चन प्रसिद्ध कवि थे। अमिताभ की मां का नाम तेजी बच्चन थी जो कराची के सिख परिवार से संबंध रखती थी। अमिताभ बच्चन के बचपन का नाम इंकलाब था जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग में किए गए प्रेरित वाक्यांश इंकलाब जिंदाबाद से लिया गया था। लेकिन बाद में दुबारा इनका नाम अमिताभ रख दिया। अमिताभ का अर्थ होता है एक ऎसा प्रकाश जो कभी नहीं बुझेगा।

अमिताभ का अंतिम नाम श्रीवास्तव था लेकिन इनके पिता ने इस उपनाम को अपने कृतियों को प्रकाशित करने वाले बच्चन नाम से उद्धत किया और उनका अंतिम नाम बच्चन जिसके साथ उन्होंने फिल्मों में एवं सभी सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए उपयोग किया।

अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन का देहांत 2003 में हो गया था जबकि उनकी माता की मृत्यु 21 दिसंबर 2007 को हुई थीं। अमिताभ बच्चन ने दो बार एम ए की उपाधि ग्रहण की है। मास्टर मास्टर ऑफ आर्ट्स (स्त्रातकोत्तर) इन्होंने इलाहाबाद के ज्ञान प्रबोधिनी और बॉयज हाई स्कूल (बीएचएस) तथा उसके बाद नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पढ़ाई की जहाँ कला संकाय में प्रवेश दिलाया गया।

अमिताभ बाद में अध्ययन करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के किरो़डीमल कॉलेज चले गए जहां इन्होंने विज्ञान स्त्रातक की उपाधि प्राप्त की। अपनी आयु के 20 के दशक में बच्चन ने अभिनय में अपना कैरियर आजमाने के लिए कोलकता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छो़ड दी। 3 जून, 1973 को इन्होंने बंगाली संस्कार के अनुसार अभिनेत्री जया भादु़डी से विवाह कर लिया।

इस दंपती को दो बच्चों बेटी श्वेता और पुत्र अभिषेक ने जन्म लिया जिनकी शादी मिस वल्र्ड रह चुकी ऎश्वर्या राय हुई और अभिषेक बच्चन व ऎश्वर्या की एक बेटी भी है जिसका नाम है आराध्या। अमिताभ बच्चन ने अपने कैरियर की शुरूआत ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी सात हिंदुस्तानी के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की इस फिल्म में इनके साथ उत्पल दत्त, मधु और जलाल आगा जैसे कलाकारों ने अभिनय किया। फिल्म ने वित्तीय सफलता प्राप्त नहीं की पर बच्चन ने अपनी पहली फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक का पुरूस्कार जीता।

इस सफल व्यावसायिक और समीक्षित फिल्म के बाद उनकी एक और आनंद (1971) नामक फिल्म आई जिसमें उन्होंने उस समय के लोकप्रिय कलाकार राजेश खन्ना के साथ काम किया। इसके बाद उनकी कई फिल्में आई जो बॉक्स ऑफिस पर उतनी सफल नहीं हो पाई जिनमें रेशमा और शेरा (1971) भी शामिल थी और उन दिनों इन्होंने गुड्डी फिल्म में मेहमान कलाकार की भूमिका निभाई थी। इनके साथ इनकी पत्नी जया भादु़डी के साथ धर्मेन्द्र भी थे। अपनी जबरदस्त आवाज के लिए जाने जाने वाले अमिताभ बच्चन ने अपने कैरियर के प्रारंभ में ही उन्होंने बावर्ची फिल्म के कुछ भाग का बाद में वर्णन किया। 1973 में जब प्रकाश मेहरा ने इन्हें अपनी फिल्म जंजीर (1973) में इंस्पेक्टर विजय खन्ना की भूमिका के रूप में अवसर दिया तो यहीं से इनके कैरियर में प्रगति का नया मो़ड आया।

यह फिल्म इससे पूर्व के रोमांस भरे सार के प्रति कटाक्ष था जिसने अमिताभ बच्चन को एक नई भूमिका एंग्री यंगमैन में देखा जो बॉलीवुड के एक्शन हीरो बन गए थे, यही वह प्रतिष्ठा थी जिसे बाद में इन्हें अपनी फिल्मों में हासिल करते हुए उसका अनुसरण करना था। बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाने वाले एक जबरदस्त अभिनेता के रूप में यह उनकी पहली फिल्म थी, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्ठ पुरूष कलाकार फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए मनोनीत करवाया। 1982 में कुली फिल्म में बच्चन ने अपने सह कलाकार पुनीत इस्सर के साथ एक फाइट की शूटिंग के दौरान अपनी आंतों को लगभग घायल कर लिया था। बच्चन ने इस फिल्म में स्टंट अपनी मर्जी से करने की छूट ले ली थी जिसके एक सीन में इन्हें मेज पर गिरना था और उसके बाद जमीन पर गिरना था। हालांकि जैसे ही ये मेज की ओर कूदे तब मेज का कोना इनके पेट से टकराया जिससे इनके आंतों को चोट पहुंची और इनके शरीर से काफी खून बह निकला था।

इन्हें जहाज से फोरन स्पलेनक्टोमी के उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया और वहां ये कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और कई बार मौत के मुंह में जाते जाते बचे। यह अफवाह भी फैल भी गई थी, कि वे एक दुर्घटना में मर गए हैं और संपूर्ण देश में इनके चाहने वालों की भारी भीड इनकी रक्षा के लिए दुआएं करने में जुट गयी थी।

इस दुर्घटना की खबर दूर दूर तक फैल गई और यूके के अखबारों की सुर्खियों में छपने लगी जिसके बारे में कभी किसने सुना भी नहीं होगा। बहुत से भारतीयों ने मंदिरों में पूजा अर्चनाएं की और इन्हें बचाने के लिए अपने अंग अर्पण किए और बाद में जहां इनका उपचार किया जा रहा था उस अस्पताल के बाहर इनके चाहने वालों की मीलों लंबी कतारें दिखाई देती थी। तिसपर भी इन्होंने ठीक होने में कई महीने ले लिए और उस साल के अंत में एक लंबे अरसे के बाद पुन काम करना आरंभ किया। यह फिल्म 1983 में रिलीज हुई और आंशिक तौर पर बच्चन की दुर्घटना के असीम प्रचार के कारण बॉक्स ऑफिस पर सफल रही।

अमिताभ बच्चान और धर्मेन्द्र की जोडी फिल्म शोले में भी काफी मशहूर हुई। फिल्म शोले की इस जोडी को लोग आज भी जया वीरू के नाम से जानते हैं व पसंद करते हैं। अपने जीवन इतनी कठिनाइयां आने के बावजूद आज 73 वर्ष की उम्र में भी अमिताभ बच्चान बॉलीवुड के सुपर स्टार हैं। आज भी उनके रोल को काफी पसंद किया जाता है। उनकी आने फिल्म वजीर है। जब अमिताभ बच्चान से इन उम्र में भी उनके काम को लेकर प्रतिक्रिया जानी तो उनका कहना था कि अमिताभ बच्चन अपनी उम्र के बढ़ने के साथ अपने काम को लेकर बिल्कुल भी सुस्त नहीं हुये हैं और वह विशिष्ट और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के साथ हमेशा नये अवतार में दिखने को तैयार रहते हैं।

इस वर्ष, दर्शक उन्हें उनकी आगामी फिल्म "वजीर" और उनका नया टीवी शो "आज की रात है जिंदगी" में नयी भूमिकाओं में देखेंगे। बच्चन ने कहा, मेरी उम्र में काम पाना मुश्किल होता है और मैं इस तरह की स्थिति में मैं किसी अन्य व्यक्ति से अलग नहीं हूं। इस वर्ष मैंने तीन फिल्में आयीं- "शमिताभ, पीकू और "वजीर" और अपनी अलग तरह की पटकथा की वजह से ये फिल्में पूरी तरह से मेरे लिए फलदायी साबित हुई हैं। उन्होंने कहा, मैं अब एक टीवी शो आज की रात है जिंदगी से जु़ड गया हूं। सभी को एक साथ करना मुश्किल है लेकिन मैं प्रयास कर रहा हूं। अगर यह अच्छा होता है तो मैं खुद को धन्य महसूस करूंगा। अगर यह अच्छा नहीं होता है तो मुझे असफलता और निराशा से उपर उठने के लिए कठिन मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, मैं खुश हूं कि मुझे अब भी करने को कुछ काम मिलता है। मैं प्रार्थना करता हूं कि जब तक मेरा शरीर चलता रहे यह सिलसिला जारी रहे। अमिताभ अपने नये टीवी शो को लेकर उत्साहित दिखे, लेकिन उन्होंने इसके बारे में अधिक नहीं बताया।

उन्होंने कहा, हम अपनी सभी योजनाओं पर निश्चित उत्साह और प्रतिज्ञा के साथ काम करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि इसकी प्रशंसा होगी। उन्होंने कहा कि परिणाम दर्शकों के हाथ में होता है। उनका फैसला महत्वपूर्ण और सर्वोपरि होता है। हम इसका सम्मान करते हैं और इस दिशा में काम करते हैं।

उन्होंने कहा, जीवन कठिनाईयों और संघषोंसे भरा हुआ है लेकिन जीवन खूबसूरत भी है। इसका जश्न भी मनाना चाहिए। और उनके लिए भी जश्न मनाना चाहिए जो जीवन को सुंदर बनाते हैं। कौन बनेगा करो़डपति ने बच्चन के करियर को फिर से निखारा और उनका मानना है कि हाल के दिनों में एक माध्यम के रूप में टेलीविजन ने बहुत विकास किया है। उन्होंने कहा, टेलीविजन एक शक्तिशाली माध्यम है। यह प्रभावित करता है। यह विचार बनाता है। यह सूचित करता है। विशेष रूप से हमारे देश में ब़डे पैमाने पर इसकी पहुंच है, जहां करीब 800 चैनल हैं।

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