प्रियंका को अपना उत्तराधिकारी मानती थीं इंदिरा: फोतेदार

प्रियंका को अपना उत्तराधिकारी मानती थीं इंदिरा: फोतेदार
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी रहे एम एल फोतेदार ने दावा किया है कि इंदिरा राहुल नहीं बल्कि प्रियंका गांधी को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर देखती थी। फोतेदार ने यह खुलासा अपनी नई किताब में किया है। इसमें यह भी कहा गया है कि हत्या से कुछ समय पहले से ही इंदिरा गांधी को यह लगने लगा था कि उनका अंत करीब ही है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक फोतेदार ने अपनी किताब में दावा किया है कि अक्टूबर 1984 में इंदिरा ने कश्मीर का दौरा किया था। वह एक हिंदू और एक मुस्लिम धार्मिक स्थल गई थीं।

पोतेदार का कहना है कि उन्होंने हिंदू मंदिर में कुछ ऎसा देखा कि उन्हें लगने लगा कि उनके जीवन का अंत होने वाला है। इंदिरा बहुत सोच-विचार में डूबी हुई थीं और उन्होंने कहा कि प्रियंका राजनीति में कामयाब हो सकती है और लंबे समय तक पावर में रह सकती है। पोतेदार ने बताया कि जो साइन इंदिरा ने मंदिर में देखा था और जिसका मतलब उन्होंने अपने जीवन का अंत निकाला वो था एक "सूखा पेड। पोतेदार ने कहा कि उन्होंने भी इसका यही मतलब निकाला। पोतेदार के मुताबिक इंदिरा समझ गई थी कि मैंने भी यही नोटिस किया है और मैंने भी इसका यही मतलब निकाला है। उन्होंने रेस्ट हाउस जाते हुए अपने मन की बात का खुलासा किया। पातेदार के मुताबिक उन्होंने राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया को एक लेटर लिख कर उन्होंने प्रियंका को लेकर इंदिरा की सोच के बारे में बताया था।

अपनी किताब "चिनार लीव्स" में पोतेदार ने पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के उस दावे का सपोर्ट करते नजर आते हैं जिसमें नटवर सिंह ने कहा था कि "अंतर आत्मा की आवाज" नहीं बल्कि "फैमिली प्रेशर" की वजह से सोनिया गांधी ने 2004 में पीएम का पद छोड दिया। पोतेदार ने अपने किताब में और भी कई खुलासे किए हैं। ऎसे ही एक खुलासे में उन्होंने दावा किया है कि 1990 में जब वीपी सिंह सरकार का गिर गई तो तत्कालीन राष्ट्रपति आर.वेंकटरमन ने राजीव गांधी का पीएम के तौर पर विरोध किया वो प्रणब मुखर्जी के पक्ष में थे। पोतेदार के मुताबिक राजीव प्रणब के प्रचंड विरोध से हैरान थे।

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