कुछ लोग गुंडागर्दी से मनवा रहे अपनी बात: जेटली

कुछ लोग गुंडागर्दी से मनवा रहे अपनी बात: जेटली
नई दिल्ली--शिवसेना की ओर से विरोध के लिए अपनाए जाए हंगामे और तोडफोड के तरीकों नाराजगी जताते हुए वित्तमंत्री अरूण जेटली ने मंगलवार को उसकी तगडी खिंचाई की। उन्होंने शिवसेना कार्यकर्ताओं की हालिया तोडफोड की घटनाओं को विरोध का गतल तरीका बताया। उन्होंने शिवसेना का नाम लिए बगैर कहा कि विरोध दर्ज कराने के लिए तोडफोड करने का चलन अत्यंत व्यथित करने वाला है। कुछ लोग अपना नजरिया और विचार दर्ज कराने के लिए तोडफोड का तरीका अपना रहे हैं।

मुंबई में शिवसेना की ओर से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान के विरोध और बीसीसीआई प्रमुख शशांक मनोहर के घेराव के बाद उन्होंने कहा कि बीते दिनों में कुछ लोगों ने अपनी राय रखने के लिए गुंडागर्दी करनी शुरू कर दी है, जिनकी वजह से काफी समस्याएं आई हैं। उन्होंने कहा, महत्वपूर्ण बात यह है कि इस काम में शामिल लोगों का लगातार विरोध हो रहा है। ऎसी मानसिकता रखने वाले लोगों से ज्यादातर लोग दूरी बना रहे हैं, ये लोग अपनी पब्लिसिटी के लिए गुंडागर्दी पर उतर आए हैं और लगातार एक जैसी हरकतें कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा, मुझे इस बात से कोई परेशानी नहीं है कि कोई किसी बात का विरोध करे, लोकतंत्र में सभी को विरोध और सवाल करने का हक है लेकिन उसके लिए एक निर्धारित और सभ्य तरीका है, जिसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

अपना नजरिया और विचार दर्ज कराने के लिए तोडफोड की जगह मुद्दों पर चर्चा करना ही समुचित और सही तरीका है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सामाजिक सौहार्द को बिगाडने की कोशिश कर रहे हैं। जेटली ने कहा कि भाजपा में विरोध के लिए इस तरह के तरीकों को नहीं अपनाया जाता है। जेटली ने शिवसेना नेताओं को बयान देते समय संयम बरतने की नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि लोग इस तरह के बयान देते हैं, पार्टी अध्यक्ष को उनसे बात करनी चाहिए। जेटली ने कहा कि प्रवक्ताओं को चाहिए कि खुद को सही भावना से संचालित करें।

भाजपा पर उठ रहे सवालिया निशान को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा में ऎसी किसी तरह की गुंडागर्दी नहीं है और न ही भाजपा के लोग ऎसी घटनाओं में शामिल होते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि कुछ लोगों ने संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी की है और इस पर उन्हें पार्टी अध्यक्ष से फटकार भी झेलनी पडी है। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी हर मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट की है और उन्होंने सामाजिक सद्भाव बिगाडने वालों के काम की निंदा की है। साथ ही अलग-अलग समुदायों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की भी अपील की है। सभी को संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी करने से बचना चाहिए।

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