सी एम का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट ‘‘राज्य व्यापी डायल 100 परियोजना’’ शुरू होने को ,लेकिन पुलिस की मानसिकता को कौन सुधारेगा

सी एम का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट ‘‘राज्य व्यापी डायल 100 परियोजना’’ शुरू होने को ,लेकिन पुलिस की मानसिकता को कौन सुधारेगा

लखनऊः प्रदेश में कहीं भी किसी भी समय सभी व्यक्तियों, जिसमें दिव्यांगजन भी शामिल हैं, की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिये त्वरित एकीकृत आपातकालीन सेवाएं प्रदान किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा इसी वर्ष ‘‘प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेन्सी प्रबन्धन प्रणाली (पीईएमएस) डायल 100 परियोजना’’ शुरूआत की जानी है। इस परियोजना के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यो में अब तक हुई प्रगति की आज कमाण्ड सेंटर एनेक्सी में प्रमुख सचिव, गृह श्री देबाशीष पण्डा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की गई। पुलिस महानिदेशक श्री एस0 जावीद अहमद एवं परियोजना के सलाहकार श्री वेंकट चंग्गावल्ली नें भी परियोजना के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा कर अपने विचार रखे। अपर पुलिस महानिदेशक यातायात श्री अनिल अग्रवाल नें इस परियोजना में अब तक हुई प्रगति, प्रस्तावित भावी लक्ष्यों एवं क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों आदि पर मार्गदर्शन हेतु विस्तार से जानकारी दी।
श्री देबाशीष पण्डा ने कहा कि इस परियोजना में लगाये जाने वाले पुलिस कर्मियों का चिन्हांकन अभी से कर लिया जाये तथा समय से उनकी ट्रेंनिग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के लिये 3000 चैपहिया वाहनों के क्रय की व्यवस्था की जा चुकी है, जिन्हें प्राप्त होते ही उसकी जरूरी साज-सज्जा कराकर उन्हें निर्धारित जनपदों में भेजा जायेगा। इन वाहनों पर तैनात किये जाने वाले पुलिस कर्मियों तथा उनके प्रशिक्षण आदि के बारे में भी विस्तृत कार्य योजना बनाकर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है। श्री पण्डा नें रेंज स्तर पर कर्मियों का प्रशिक्षण कराये हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। साथ ही इस परियोजना के लिये नियंत्रण कक्ष में कार्य करने वाले कर्मियों के लिये भी आवश्यक प्रशिक्षण की भी विस्तृत कार्य योजना तैयार की गयी है।
इस परियोजना के माध्यम से आकस्मिकता की स्थिति में प्रदेश के किसी भी स्थान से टेलीफोन, एसएमएस अथवा अन्य किसी संचार माध्यमों से आयी सहायता की मांग पर न्यूनतम समय मेें तत्काल पुलिस सहायता उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जा रही है। परियोजना के शुरूआती दौर में पुलिस रिस्पांस टाइम शहरी क्षेत्रों में दो पहिया वाहन हेतु लगभग 10 मिनट एवं चार पहिया वाहन हेतु लगभग 15 मिनट निर्धारित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों हेतु रिस्पांस टाइम चार पहिया वाहन हेतु लगभग 20 मिनट का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए शहीद पथ के निकट गोमतीनगर विस्तार में एक वृहद एवं अत्याधुनिक ‘‘केन्द्रीय मास्टर को-आर्डिनेशन सेन्टर’’ स्थापित किया रहा है जिसके भवन निर्माण का शिलान्यास विगत 19 दिसम्बर, 2015 को मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा किया जा चुका है।
लखनऊ में स्थापित किये जा रहे मुख्य डायल 100 केन्द्र की तरह जनपद गाजियाबाद तथा इलाहाबाद में दो केन्द्रो की स्थापना पर भी बैठक में विचार-विमर्श किया गया, जो मुख्य केन्द्र के वैकल्पिक प्रतिबिम्ब के रूप में कार्य करेंगे। लखनऊ के मुख्य केन्द्र में की जाने वाली समस्त कार्यवाही इन केन्द्रों से भी स्वतंत्र रूप से की जा सकेगी। प्रत्येक केन्द्र की क्षमता मुख्य केन्द्र की क्षमता की 15 प्रतिशत होगी। लखनऊ केन्द्र की सेवाओं में किसी तरह के व्यवधान होने की स्थिति में यह केन्द्र स्वतः कार्य करेंगे। यह केन्द्र भी मुख्य केन्द्र की भांति लगातार चैबीस घण्टे कार्यरत रहेंगे।
यह भी उल्लेखनीय है प्रदेश सरकार की यह एक अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है तथा इसके अन्तर्गत निर्मित होने वाला केन्द्र चैबीसो घण्टे कार्यरत रहेगा। इस केन्द्र को प्राप्त होने वाले सभी टेलीफोन वार्तालापों की रिकार्डिंग भी होगी तथा पीड़ित व्यक्ति की मदद के उपरांत केन्द्र द्वारा पीड़ित व्यक्ति से प्रतिक्रिया प्राप्त कर उसके संतुष्ट होने के उपरांत ही प्रकरण को बंद किया जायेगा। इसके माध्यम से शासन द्वारा जनशक्ति, संसाधन और विशेष प्रशिक्षण के जरिये पुलिस की कार्यशैली में बदलाव लाने के साथ-साथ आम जनता को किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में त्वरित सहायता न्यूनतम समय में उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से प्रयास किये जा रहे है।
इस परियोजना के अंतर्गत स्थल सेवाएं प्रदान करने के लिये प्रदेश के सभी जनपदों में चैपहिया वाहन एवं दो पहिया वाहन पुलिस पेट्रोल वाहन के रूप में व्यवस्थापित किये जाएंगे। सभी वाहनों में अत्याधुनिक उपकरण लगाये जाएंगे तथा उसके जीपीएस उपकरण के माध्यम से प्रत्येक वाहन की भौगोलिक स्थिति की जानकारी मुख्य केन्द्र को प्राप्त होती रहेगी। किसी भी आकस्मिकता की सूचना प्राप्त होने पर केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष द्वारा सबसे पास उपलब्ध वाहन घटना स्थल पर भेजे जायेंगे। यह वाहन तत्काल घटना स्थल पहुंचकर नागरिकों को आकस्मिक सहायता उपलब्ध करायेंगे तथा स्थानीय पुलिस के आगमन पर प्रकरण उसके हवाले करेंगे। साथ ही यह वाहन स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अपने लिए निर्धारित मार्ग पर पेट्रोलिग भी करेंगे।
’’केन्द्रीयकृत डायल 100 परियोजना’’ से उत्तर प्रदेश पुलिस का नया चेहरा जनता के समक्ष आयेगा तथा यह देश का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा और आधुनिक नेटवर्क होगा। जनसुरक्षा की दृष्टि से संचालित अन्य सेवायें जैसे फायर सर्विस, राजमार्ग पुलिस, एकीकृत यातायात प्रबन्ध, स्मार्ट सिटी सर्विलांस, वूमेन पावर लाइन, स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बन्धित सेवा आदि को भी निकट भविष्य में इसी केन्द्र से एकीकृत किया जायेगा।

सरकार का कदम सराहनीय

जाहिर सी बात है सरकार जिस तरह से नए नए तकनीकियों का इस्तेमाल कर रही है उससे देर सबेर सुधार की उम्मीद की जा सकती है जिसमे १०९० भी एक अच्छा कदम माना गया इसी काफी फायदा भी हुआ आन लाइन ऍफ़ आई आर भी दर्ज करायी जाने लगी हालाकि उसमे काफी कम स्कोप है लेकिन छोटी मोटी समस्याएं सुलझने लगी |
पुलिस की मानसिकता को कौन सुधारेगा
सरकार के प्रयास से पुलिस पहुचती तो है लेकिन सुचना देने वाले को ही गिरफ्त में लेने लगती है अगर कहीं बवाल की सुचना कोई देता है की पुलिस आकर उसकी सुरक्षा करेगी तो पुलिस वहां आकर मूक दर्शक बनी रहती है अगर पीड़ित पुलिस के ऊपर कार्यवाही का दबाव बनाता है तो पुलिस उल्टा जो बलवाई होते हैं उनसे ही अप्लिकेशन लेकर पीड़ित के खिलाफ कार्यवाही करने लगती है इस मानसिकता को सुधारने की जरुरत है |




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