गोंडा में बदहाल व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद ,अब लगा किसी आई ए एस ने संभाली कमान

जिलाधिकारी के निर्देशन में कई विभागों में हुई छापेमारी, सरकारी दफ्तरों में मचा हड़कम्पकई विभागों में अनुपस्थित मिले अधिकारी कर्मचारी, एक-एक दिन का वेतन काटने के आदेश साथ स्पष्टीकरण तलब
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गोंडा -सुचना निदेशक से जिले की कमान सँभालने वाले आशुतोष निरंजन ने जिले की बिगड़ चुकी व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है सुचना निदेशक के साथ प्रदेश के कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने का अनुभव अब जिले में असर दिखाना शुरू कर दिया सी एम् के बड़े प्रोजेक्ट में महती भूमिका निभाने वाले अधिकारी ने प्रदेश सरकार के निर्देशों को अमल में लाना शुरू कर दिया है सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमानी खत्म करने के लिए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी है कि सभी विभागध्यक्ष व कर्मचारी समय से अपने-अपने दफ्तरों में उपिस्थत रहकर कार्यों का सम्पादन करें। निरीक्षण के दौरान कार्यालय से अनुपस्थित पाए जाने पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। शुक्रवार को जिलाधिकारी ने तीन टीमें बनाकर कई विभागों में छापेमारी कराई। छापेमारी शुरू होते ही सरकारी दफ्तरों में हड़कम्प मच गया। स्वयं जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट में कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। मुख्य विकास अधिकारी जयन्त कुमार दीक्षित व परियोजना निदेशक वीरपाल ने बेसिक शिक्षा विभाग, अपर जिलाधिकारी त्रिलोकी सिंह ने सिंचाई विभाग दफ्तर तथा एसडीएम सदर अविनाश कुमार व नगर मजिस्ट्रेट अरूण कुमार शुक्ला ने उपनिदेशक कृषि कार्यालय में छापेमारी की। छापेमारी में लगभग सभी विभागों में अधिकारी व कर्मचारी अनुपस्थित मिले। जिलाधिकारी ने तत्काल अनुपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का एक-एक दिन का वेतन काटने व अधिकारियों से शिथिलता बरतने के कारण दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण तलब किया है। बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में मुख्य विकास अधिकारी को पांच कर्मचारी अनुपस्थित मिले तथा उपस्थिति पंजिका में माह अप्रैल की उपस्थिति व कर्मचारियों का नाम तक नहीं लिखा हुआ था। विभाग में बजट कलेण्डर भी दुरूस्त नहीं मिला। सिंचाई विभाग के आठ अनुभागों में सभी जगह अभिलेखों का रखरखाव व अव्यवस्था दिखाई दी। इस पर एडीएम ने कार्यालय अध्यक्षों को फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी है। वहीं उपनिदेशक कृषि दफ्तर में भी कई कर्मचारी ड्यूटी से नदारद मिले। वहां पर एसडीएम सदर व सिटी मजिस्ट्रेट ने विभागीय अभिलेख, तहसील दिवस रजिस्टर, जनता दर्शन रजिस्टर, शिकायती प्रार्थनापत्रों के निस्तारण की स्थिति, कार्यालय व परिसर की साफ-सफाई आदि का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट में निरीक्षण के दौरान प्रशासनिक कक्ष, जनता दर्शन पटल, ई-गवर्नेन्स सेल, का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अमित गुप्ता व जनता दर्शन का कार्य देख रहे लिपिक राजेश पाण्डेय से आईजीआरएस( समेकित निवारण प्रणाली) के सम्बन्ध में तथा ई-गवर्नेन्स सेल एवं आईजीआरएस जनसुनवाई पोर्टल पर लम्बित प्रकरणों की गहन पूछताछ की और निर्देश दिए कि सिकी भी पटल पर प्रकरण अनावश्यक लम्बित ने रहें। जिलाधिकारी ने कलेक्टेªेट में स्थापित विभिन्न पटलों के कम्प्यूटरों पर स्वयं बैठकर डाटा फीडिंग, जनता दर्शन, मुख्य मंत्री संदर्भ व अन्य प्रकरणों में प्राप्त आवेदनों की पड़ताल की। जिलाधिकारी ने जनसामान्य से अपील किया किया है कि वे प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शी व्यवस्था व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु लागू की गई समेकित निवारण प्रणाली के तहत प्रार्थना पत्र देने की अपील की है। निरीक्षण के उपरान्त जिलाधिकारी ने जनता दर्शन में बैठकर जनता की समस्याएं सुनीं। उन्होने जनता दर्शन को ओर अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए जनता दर्शन में एक राजस्व विभाग तथा एक विकास विभाग के अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। उन्होने यह भी बताया कि अब जनता की समस्याओं के निराकरण हेतु कलेक्ट्रेट में एक काल सेन्टर स्थापित किया जाएगा जहां पर फोन करने वाले फरियादियों की शिकायतों को रिकार्ड किया जाएगा और उसे सम्बन्धित अधिकारी को त्वरित निस्तारण हेतु निर्देशित किया जाएगा।

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