डायल-100 सेवा को शुरू करने के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि डायल-100 सेवा को यथाशीघ्र क्रियाशील कराने हेतु परियोजना का सुचारु रूप से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यक वाहनों का क्रय नियमानुसार आगामी माह तक अवश्य सुनिश्चित करा ली जाये। उन्होंने कहा कि परियोजना हेतु आवश्यक वाहनों का क्रय हो जाने के फलस्वरूप उनको आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित कराकर निर्धारित जनपदों को भेजे जाने की आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि वह स्वयं डाॅयल-100 परियोजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा उनके द्वारा नियमित रूप से पाक्षिक की जायेगी। मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में डाॅयल-100 परियोजना की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना के सुचारु रूप से क्रियान्वयन हेतु तैनात किये जाने वाले पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाये।बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री देबाशीष पण्डा ने बताया कि इस केन्द्र को प्राप्त होने वाले सभी टेलीफोन वार्तालापों की रिकार्डिंग भी होगी तथा पीडि़त व्यक्ति की मदद के उपरांत केन्द्र द्वारा पीडि़त व्यक्ति से प्रतिक्रिया प्राप्त कर उसके संतुष्ट होने के उपरांत ही प्रकरण को बंद किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से शासन द्वारा जनशक्ति, संसाधन और विशेष प्रशिक्षण के जरिये पुलिस की कार्यशैली में बदलाव लाने के साथ-साथ आम जनता को किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में त्वरित सहायता न्यूनतम समय में उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से प्रयास किये जा रहे हंै। पुलिस महानिदेशक श्री जावीद अहमद ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत स्थल सेवाएं प्रदान करने के लिये प्रदेश के सभी जनपदों में चैपहिया वाहन एवं दो पहिया वाहन पुलिस पेट्रोल वाहन के रूप में व्यवस्थापित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी वाहनों में अत्याधुनिक उपकरण लगाये जाएंगे तथा उसके जीपीएस उपकरण के माध्यम से प्रत्येक वाहन की भौगोलिक स्थिति की जानकारी मुख्य केन्द्र को प्राप्त होती रहेगी। किसी भी आकस्मिकता की सूचना प्राप्त होने पर केन्द्रीय नियंत्रण कक्ष द्वारा सबसे पास उपलब्ध वाहन घटना स्थल पर भेजे जायेंगे। उन्होंने बताया कि यह वाहन तत्काल घटना स्थल पहुंचकर नागरिकों को आकस्मिक सहायता उपलब्ध करायेंगे तथा स्थानीय पुलिस के आगमन पर प्रकरण उसके हवाले करेंगे। साथ ही यह वाहन स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार अपने लिए निर्धारित मार्ग पर पेट्रोलिंग भी करेंगे।

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