डायरिया की चपेट में आकर ,मासूम की मौत,दो दर्जन से ज्यादा बीमार

डायरिया की चपेट में आकर ,मासूम की मौत,दो दर्जन से ज्यादा बीमार
डायरिया की चपेट में आकर ,मासूम की मौत,दो दर्जन से ज्यादा बीमार  कानपुर,। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हल्की बारिश के बाद निकली तेज धूप से संक्रामक बीमारियों ने बिधनू इलाके के गांवों में पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। क्षेत्र में स्थित एक गांव में डायरिया की चपेट में आकर बच्चों समेत दर्जनों ग्रामीण बीमार पड़ गए हैं और उल्टी, दस्त के साथ तेज बुखार से तड़प रहे है। संक्रामक बीमारी के चलते बीती रात एक मासूम की मौत हो गई। बिधनू का शेरपुर गांव,जहां पर रहने वाले माहूट जाति के लोग गंदगी व जलभराव से फैल रही संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर चारपाईयों पर पड़े है। गांव में रहने वाले कमल की तीन वर्षीय मासूम बेटी काजल भी ऐसी ही बीमारी की चपेट में आ गई और बीती शाम उल्टी व दस्त आना शुरू हो गए। कमल ने उसको गांव के झोलाछाप डाक्टर को दिखवाया। जैसे ही दवा की एक खुराक काजल को दी गयी, थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गयी। मासूम की मौत की जानकारी मिलते ही डाक्टर तो फरार हो गया, लेकिन गांव में ग्रामीण दहशत में आ गए।ग्रामीणों के मुताबिक संक्रामक बीमारी इतनी खतरनाक हो गई है कि जान पर बन आई है।गांव में बीते कुछ दिनों से पसरी गंदगी के चलते संक्रामक बीमारी फैलने से दो दर्जन से ज्यादा लोग दस्त-उल्टी व बुखार से पीड़ित चल रहे हैं।जब इस मामले में बिधनू सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से बात करने पर उनका मोबाइल बन्द था। गंदगी का अम्बार-  शेरपुर गांव विकास के नाम पर शून्य है, न तो पीने को शुद्ध पानी है और न ही जलभराव निकासी के लिए पक्की नालियां। जगह-जगह भरने वाले दूषित पानी से फैल रही बीमारी पर स्वास्थ्य विभाग व ग्रामप्रधान जानकारी के बाद भी गंभीर नहीं है। शिक्षा का अभाव-  शेरपुर गांव में शिक्षा को लेकर किए जा रहे सरकारी प्रयास न काफी साबित हो रहे है। गांव में ज्यादातर युवा व बच्चे अशिक्षित है। ग्रामीणों की अशिक्षा का फायदा उठाते है और गांव में क्लीनक व इलाज के नाम पर अपनी-अपनी दुकानें चलाते है। यहां पर अशिक्षा के चलते झोलाछाप डाक्टरों की ठगी का शिकार होने के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य के साथ ऐसे लोगों द्वारा हो रहे खिलवाड़ को भी नहीं समझ पाते है।  स्वास्थ्य विभाग नहीं करती जागरूक - गांव में अशिक्षा के चलते ग्रामीण अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी गांव में बारिश के मौसम में फैलनी वाली संक्रामक बीमारियों की जानकारी नहीं देते है, जिसके चलते ग्रामीणों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। जब इस मामले में बिधनू सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से बात करने पर उनका मोबाइल बन्द था। अवनीश

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