जानिए कैसे बना दिया लालच में मौसी बन गई मासूम की कातिल

जानिए कैसे बना दिया लालच में मौसी बन गई मासूम की कातिल
कानपुर।शहर पुलिस की गले की फास बना आशुतोष अपहरणकांड का पटाक्षेप शुक्रवार को एसटीएफ पुलिस ने उसकी हत्या से हुआ।मासूम की मां को बार-बार फोन करते हुए पुलिस की हर चाल पर नजर रखने वाली मौसी को सर्विलांस की जरिये एसटीएफ ने पकड़ा और कड़ाई से पूछताछ की।उसने टीम के सामने पूरे राज खोल दिये। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल मौसी व उसके पति समेत पांच लोगांे को गिरफ्तार किया।जबकि इस साजिश में शामिल ग्राम प्रधान समेत दो फरार लोगों की तलाश में जुटी है।घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि नौबस्ता के किदवईनगर इलाके में बैंक मैनेजर धर्मपाल सिंह का बेटा आशुतोष का बीते 8 जून को अपहरण हो गया।इस अपहरणकांड में जूटी पुलिस के हाथ खाली होने पर एसएसपी ने एसटीएफ से मदद मांगी।घटना के जांच में एसटीएफ सीओ मनीष सोनकर के नेतृत्व में लगी टीम ने सर्विलांस जरिये आशुतोष के मौसा सिद्धार्थ के भाई प्रकाश की पत्नी रौनक को शुक्रवार की सुबह अकबरपुर कानपुर देहात से गिरफ्तार किया।सख्ती से पूछने पर उसने बताया आशुतोष के अपहरण कांड की साजिश में उसका पति प्रकाश दोस्त शेरा, विशाल, सर्वेश समेत रौनक की सहेली सुनीता उसकी बेटी संध्या शामिल थे।जूर्म कबूल करते हुए पुलिस ने दबिश देते हुए इस कांड में शामिल सभी को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें अतीक मौके से फरार हो गया।एसएसपी ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों से पूछताछ की तो प्रकाश ने बताया कि धर्मपाल ने छह माह पूर्व उसके पिता से कानपुर देहात में छह लाख रुपये की जमीन खरीदी थी।जिससे उन लोगों ने यह अंदाजा लगा लिया कि धर्मपाल के पास पैसा बहुत है और बेटे के अपहरण करने के बाद फिरौती मांगने पर लाखों रुपये मिल जायेगे।इस पर विशाल शेरा व प्रकाश बीते आठ जून को घर पहंुचे और दुकान से पेटीज खरीदकर घर जा रहे आशुतोष को पकड़ लिया और कार में बैठाकर कानपुर देहात सुनीता के घर ले आये।मासूम द्वारा पहचान प्रकाश चाचू के रुप में करने के बाद वह उनके साथ चला गया।जहां अपहर्ताओं ने ग्राम प्रधान की निगरानी में सुनीता के घर दो दिन रखा।फिर दस तारीख की रात में प्रकाश, विशाल ले गये। कार में दबाया गला- अपहरण के बाद पुलिस की तेजी देखकर प्रकाश डर गये और उन्होंने मासूम की हत्या की योजना बना डाली। योजना के तहत प्रकाश अपनी एसेंट कार मे विशाल के साथ आशुतोष कहीं ले गया। जहां पीछे बैठे विशाल ने दुपटे से मासूम का गला दबा दिया।उसके प्राण निकलते ही अपहर्ताओं ने नहर की पुलिया के नीचे फेंक दिया।घटना के बीतीरात शेरा,विशाल ने पेट्रोल डालकर शव को जला दिया। जमीन बनी हत्या कारण- घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी ने बताया कि हत्याभियुक्तों से यह पता चला है कि आशुतोष के अपहरण में जमीन का लालच भी सामने आया है। जिस समय मृतक के पिता धर्मपाल ने प्रकाश के पिता की मदद से जमीन खरीदी थी, तभी उनके दिमाग में पैसों व जमीन का लालच आ गया और इस वारदात को अंजाम दे दिया। कराई जायेगी डीएनए जांच - हत्याभियुक्तों सख्ती से पूछताछ पर अपना गुनाह कबूल कर बताया कि उन्होंने आशुतोष की हत्या के बाद शव को जला दिया था। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर पुलिया के नीचे से एक नरककांल की खोपड़ी व बेल्ट का बक्कल बरामद हुआ है। जिससे परिजनों ने बेटे की भी पहचान कर ली है। लेकिन मामले को और स्पष्ट करने के लिए परिवार व उस खोपड़ी का डीएनए टेस्ट कराया जायेगा। ग्राम प्रधान व अतीक की तलाश में पुलिस एसएसपी माथुर ने बताया कि अपराधी बच्चे का अपहरण करने के बाद कानपुर देहात के सुनीता के घर ले गए।जबकि इस वारदात की जानकारी गौरेयापुर के ग्राम प्रधान को पहले से थी।घटना के बाद से ग्राम प्रधान व हत्या में शामिल अतीक की तलाश में टीम जगह-जगह दशि दे रही है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

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