बांग्लादेश में अल्पसंख्यक निशाने पर सरकार कह रही आपसी विवाद में हुई हत्या

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक निशाने पर सरकार कह रही आपसी विवाद में हुई हत्या
ढाका: आतंकियों का कहर बांग्लादेश में लगातार जारी है तरफ एक तरफ हिन्दू पुजारी और बौद्ध नेता की हत्या कर दी जबकि एक और हिन्दू व्यक्ति हमले में बाल बाल बच गया. मुस्लिम बहुल देश में हाल में अल्पसंख्यकों एवं धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर कई हमले हुए हैं.झैनिदाह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जबाहर अली शेख ने बताया कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन हमलावरों ने श्यामानंद दास पर धारदार हथियारों से हमला किया. दास उस समय सुबह की पूजा के लिए राधामदन गोपाल मठ परिसर के बगीचे में फूल तोड़ रहे थे. दास की उम्र 55 साल के करीब थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘मोटरसाइकिल पर सवार तीन हमलावरों ने श्यामानंद दास पर धारदार हथियारों से हमला किया. झैनिदाह सदर अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौत सुनिश्चित करने के लिए हमलावरों ने उनके सिर और गर्दन पर धारदार हथियार से कई वार किए.’’ तीन हफ्ते पहले झैनीदाह में एक और हिन्दू पुजारी की इसी तरह हत्या कर दी गयी थी. दास इस साल इस्लामियों द्वारा मारे गए तीसरे हिन्दू पुजारी हैं.निकटवर्ती पुलिस थाने के प्रभारी हफीजुर रहमान ने कहा कि वह राधामदन गोपाल मठ में पुजारी थे. उन्होंने कहा कि हत्यारे घटनास्थल से तत्काल फरार हो गए. धर्मनिरपेक्ष एवं उदारवादी कार्यकर्ताओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पूर्व में किए गए हमलों के बाद भी हमलावर इसी प्रकार फरार हो गए थे.इस घटना से पहले कल रात बंदरबन में 55 वर्षीय बौद्ध नेता मोंग श्वे लुंग मरमा की हत्या कर दी गयी. नैक्खांगचारी पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी अब्दुल खर ने कहा कि सम्शंखोला में धारदार हथियार से लैस हमालवरों ने जातीय समुदाय के किसान और सत्तारूढ़ आवामी लीग के वार्ड स्तर के पूर्व नेता मरमा की हत्या का दी.खर ने कहा कि उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. मई में इलाके में एक बौद्ध भिक्षु की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गयी थी. आईएसआईएस ने हिन्दू पुजारी और बौद्ध नेता की हत्याओं की जिम्मेदारी ली है.अमेरिकी संगठन साइट इंटेलीजेंस ग्रुप के अनुसार आईएसआईएस से सम्बद्ध समाचार एजेंसी अमाक ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में आईएसआईएस के लड़ाकों ने झैनीदाह में धारदार हथियारों से एक हिन्दू की हत्या कर दी और बंदरबन में बौद्ध दल के एक नेता की जान ले ली.’’ इससे पहले पिछले महीने पश्चिमोत्तर पाबना में एक हिंदू मठ कर्मी की संदिग्ध आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी.इसी बीच बंदरबन में एक और हिन्दू व्यक्ति की जान तब बाल बाल बच गयी जब उसने धारदार हथियारों से लैस हमलावरों के घर में घुसने पर चीख पुकार की. इसके बाद स्थानीय लोगों के मदद के लिए पहुंचने पर हमलावर फरार हो गए. बाबुल चक्रवर्ती नाम के इस हिन्दू व्यक्ति की उम्र 50-55 साल है.इसी जिले में मोटरसाइकिल पर सवार तीन हमलावरों ने सात जून को 65 वर्षीय एक हिंदू पुजारी की उस समय हत्या कर दी थी जब वह मंदिर जा रहे थे.आतंकवादियों ने फरवरी में बांग्लादेश के एक मंदिर में एक हिंदू पुजारी की हत्या कर दी थी और उसकी मदद के लिए आने वाले एक श्रद्धालु को गोली मारकर घायल कर दिया था.

ईसाई कारोबारी कि हुई थी हत्या

गत पांच जून को गिरजाघर के पास अज्ञात हमलावरों ने एक ईसाई कारोबारी की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. इसी दिन एक शीर्ष आतंकवाद रोधी पुलिस अधिकारी की पत्नी की धार्मिक कट्टरपंथियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस अधिकारी की पत्नी के हत्या के मामले में पुलिस ने आज दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया.चटगांव पुलिस ने कहा पुलिस अधीक्षक बाबुल अख्तर की पत्नी महमूदा अख्तर मीतू की हत्या के सिलिसले में एक हत्यारे सहित दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है.राजशाही शहर में आईएसआईएस आतंकवादियों ने अप्रैल में एक उदारवादी प्रोफेसर की गला रेतकर हत्या कर दी थी. इसी महीने आईएसआईएस के आतंकवादियों ने एक हिंदू दर्जी की उसकी दुकान पर हत्या कर दी थी. इस्लामवादियों ने बांग्लादेश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक एवं उनके मित्र की भी ढाका में बेरहमी से हत्या कर दी थी.आतंकी संगठनों आईएसआईएस और ‘‘अलकायदा इन इंडियन पेनिनसुला’’ ने अधिकतर हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार बांग्लादेश में उनकी मौजूदगी से इनकार करती है.पुलिस ने इस प्रकार के हमलों को रोकने के लिए पिछले महीने राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद रोधी अभियान शुरू किया था जो सप्ताह भर चला था.बांग्लादेश ने भारत से कहा, वह हिन्दुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैहिन्दू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा का गवाह बन रहे बांग्लादेश ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.बांग्लादेश ने कहा कि इनमें से कई सांप्रदायिक प्रकृति की नहीं हैं.बांग्लादेश ने भारत को यह भी जानकारी दी कि जांच पूरी हो चुकी हैं और इनमें से 25 मामलों में गिरफ्तारियां हुई हैं और सरकार इनमें से कई मामलों में अब आरोपपत्र दायर कर रही है.

आपसी विवाद में हुई हत्या मानता है बांग्लादेश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘‘ढाका में हमारा उच्चायोग बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की धार्मिक, सामाजिक-आर्थिक एवं राजनीतिक आजादी को निशाना बनाने वाली घटनाओं पर करीबी नजर रखता है और इन मुद्दों को बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ उचित तरीके से उठाता है.’’उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने भारत को बताया है कि इनमें से कई घटनाएं सांप्रदायिक प्रकृति की नहीं हैं और ये आपसी विवादों के कारण हुई हैं.

Share this story