आर टी आई क्या मांग लिया विभाग हो गया सिपाही से नाराज

आर टी आई क्या मांग लिया विभाग हो गया सिपाही से नाराज
रायबरेली--कानून व्यवस्था को लेकर आये दिन बदनाम यूपी पुलिस का असली चेहरा बेनकाब करने की कोशिश में जुटा एक सिपाही पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने हंगामा काट दिया। यही नहीं उसने आईपीएस को सबसे बड़ा आतंकवादी भी बता दिया। जब वह विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की पोल खोलने लगा तो वहा मजमा लग गया। विभाग से पीड़ित सिपाही ने अपनी हत्या की आशंका भी जताई। मामला रायबरेली पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जुड़ा है। जरा गौर से इस सिपाही को देखिए इसका नाम जय प्रकाश सिंह है और यह अपने ही विभाग से प्रताड़ित इसलिए है क्योंकि इसने आरटीआई के तहत अपने से संबंधित कुछ विभागीय सूचनाए मांग रखी है । सिपाही का दावा है कि जब से उसने विभाग के सिपाहियों के वेतन से कटने वाले कुछ अंश आदि की जानकारी मांगी तब से उसे हर जगह प्रताड़ित किया गया यही नहीं उसका 27 जनपदो में तबादला भी हुआ अब यह रायबरेली के महराजगंज थाने में तैनात है और यहां भी उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। ये सिपाही यही नहीं रूका इसने पूरे आईपीएस पर ही सवाल खड़े कर दिये। उन्हें आतंकवादी तक करार दिया। सिपाही की माने तो अगर मेरी द्वारा मांगी गयी सभी जानकारियों को उपलब्ध करा दिया जाये तो इसमें कई उच्चाधिकारी भी फस सकते हैं इसलिए मेरी जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। अब दूसरा नजारा सीओ सिटी आफिस का देखिए जब पीडित सिपाही आफिस के दीवान अली अहमद के पास पहंुचा तो दोनो के बीच जमकर तू तू मै मै हुआ । एक दूसरे को कसमे वादे तक खाने की दुहाई देने लगे। जब इस संबंध में दीवान से बात की गयी तो उसने अपना पल्ला झाड़ लिया। -वही जब इस पूरे मामले पर पुलिस कार्यालय में बैठे अपर पुलिस अधीक्षक से बात की गयी तो उन्होने पहले कुछ भी बोलने से मना कर दिया पर बाद में जब विभाग के अनुशासन के बारे में पूछा गया तो जनाब ने अनुशासन के कई कसीदे मीडिया के सामने पढ़ डाले। यूं ही नहीं कानून व्यवस्था के मामले को लेकर यूपी पुलिस हमेशा से चर्चित रही है पर अब तो विभाग के ही सिपाही अपने उच्चाधिकारियों पर सीधे आरोप लगा रहे हैं और उच्चाधिकारी उनके आरोप पर अपना पक्ष तक रखने से कतरा रहे हैं । क्या यही है जनसूचना का अधिकार क्या इसलिए बनाया गया था यह कानून की आप जनसूचना सिफ फौरी तौर पर मांगे अगर उसमें कोई अधिकारी फस रहा है तो उस जनसूचना की जानकारी न दी जाये।

Share this story