यदि बचना हो मधुमेह/ डायबिटीज/ शुगर या शक्कर की बीमारी से तो वास्तु शास्त्र के इन नियमों का रखें विशेष ध्यान-----

01.----दक्षिण-पश्चिम कोने में कुआँ,जल बोरिंग या भूमिगत पानी का भण्डारण न हो, ऐसा स्थान मधुमेह बढाता है। 02.—–दक्षिण-पश्चिम कोण में हरियाली बगीचा या छोटे छोटे पोधे भी शुगर का कारण बनता है। 03.—–यदि घर/भवन का दक्षिण-पश्चिम कोना बढा हुआ है तब भी शुगर आक्रमण करेगी। 04.—–यदि दक्षिण-पश्चिम का कोना किसी घर में सबसे छोटा या सिकुडा हुआ है तो भी समझ लीजिये मधुमेह का द्वार खुल गया। 05.——दक्षिण-पश्चिम भाग घर या वन की ऊँचाई से सबसे नीचा है तो वहां के निवासियों में/ की मधुमेह बढेगी. इसलिए यह भाग सबसे ऊँचा रखे। 06.——-दक्षिण-पश्चिम भाग में सीवर का गड्ढा होना भी शुगर को निमंत्रण देना है। 07.——ब्रह्म स्थान अर्थात घर का मध्य भाग भारी हो तथा घर के मध्य में अधिक लोहे का या कबाड़ा का प्रयोग हो अथवा वहां लोहा/ कबाड़ा एकता हो या ब्रह्म भाग से जीना सीढीयां ऊपर कि और जा रही हो तो समझ ले कि मधुमेह का घर में आगमन होने जा रहा हें अर्थात दक्षिण-पश्चिम भाग दूषित/ खराब हो गया हैं।। वास्तुविद पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि आपने इनको सुधार लिया या ध्यान रखा तो काफी हद तक आप असाध्य रोगों से मुक्त हो जायेगे। पं दयानंद शास्त्री

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