भाजपा के नेता मिल सकते है तो हम क्यों नहीं।

भाजपा के नेता मिल सकते है तो हम क्यों नहीं।
कानपुर -गंगा को अविरल बनाने के लिए काम करने वाले संस्था पदाधिकारियों को गुरूवार उस वक्त धरने पर बैठ गए जब उन्हें संघ प्रमुख से मिलने नहीं दिया गया। उनका कहना है कि जब भाजपा के नेता मिल सकते है तो हम क्यों नहीं। वहीं संघ सुरक्षा व्यवस्था में लगे स्वयं सेवकों का कहना है कि सुरक्षा कारणों व लिस्ट में मिलने का समय न होने के चलते ऐसा किया गया है।बिठूर स्थित एक इंजीनियरिंग काॅलेज में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रांत प्रचारकों का अभ्यास वर्ग चल रहा है। आज चैथे दिन ‘स्वच्छ गंगा, अविरल गंगा‘ को लेकर प्रदूषण मुक्त अभियान चलाने वाले गंगा प्रहरी संस्था के राष्ट्रीय संयोजक रामजी त्रिपाठी अपने लाव लश्कर के साथ संघ प्रमुख से मिलने जा पहुंचे। कॉलेज गेट में जैसे ही गंगा प्रहरियों का दल अंदर प्रवेश करने लगा, उन्हें सुरक्षा में लगे स्वयं सेवकों ने रोक लिया और पहले से मिलने का समय न लिए जाने की बात कही। जिस पर गंगा प्रहरी दल के पदाधिकारियों का पारा हाई हो गया और वह स्वयं सेवकों से अभद्रता करने लगे। मामला की जानकारी पर पहुंचे सुरक्षा प्रमुख रिटायर्ड आईएएस दिनेश कटियार ने संस्था पदाधिकारियों को समझाया और अंदर प्रवेश कराए जाने से मना कर दिया। अविरल गंगा, निर्मल गंगा कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक रामजी त्रिपाठी ने कहा कि हम संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलकर गंगा की सफाई के नाम पर किए जा रहे धोखे की बात को बताने आए थे और उनसे सहयोग चाहते थे। लेकिन सुरक्षा में लगे लोगों ने हमें संघ प्रमुख से मिलने नहीं दिया। धरने पर बैठे गंगा प्रहरी- राष्ट्रीय संयोजक को जब स्वयं सेवकों ने संघ प्रमुख से मिलने के लिए रोक लगा दी तो वह गुस्से में लाल-पीले होने लगे और अपने समर्थकों के साथ कॉलेज परिसर के बाहर मुख्य गेट के सामने धरने पर बैठ गए। धरने के दौरान पदाधिकारी संघ प्रमुख से मिलने की मांग करते रहे। गंगा पर होनी चाहिए चर्चा गंगा प्रहरियों द्वारा धरना दिए जाने की जानकारी पर पनकी मंदिर के महन्त जीतेन्द्र दास भी धरना स्थल पर पहंुच गए। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई राष्ट्रीय मुद्दा के साथ ही करोड़ों भारतीयों की आस्था का सवाल है। ऐसे में हर हाल में संघ प्रमुख से गंगा को लेकर चर्चा होनी चाहिए। महंत ने कहा कि जब तक चर्चा नहीं होगी तब तक हम लोग यहीं पर धरना देगें। इसके अलावा रामानुग्रह आश्रम के महंत भी गंगा बचाव के पक्ष में बात करने के लिए संघ प्रमुख से मिलने पहुंच गए हैं।

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