निजी संस्थानों की राह पर सरकार अब कर्मचारियों को देना होगा वेरी गुड परफार्मेंस
Jul 26, 2016, 18:30 IST
नई दिल्ली - मोदी सरकार ने अब कर्मचारियों के कामकाज पर भी नजर रखने का फैसला लिया है और उनको अपना बढ़ा हुआ वेतन लेने के लिए वेरी गुड वर्क करना होगा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद अगस्त से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बढ़ा वेतन मिलने लगेगा. लेकिन, इसके बदले में सरकार कर्मचारी से गुड वर्क नहीं बल्कि वेरी गुड वर्क चाहती है. मोदी सरकार ने अप्रेजल की नई नीति बनाई है. सरकार ने बेंचमार्क बनाया है जिसे मोडिफायड एशोर्ड करियर प्रोग्रेशन यानी MACP शर्त है कि कर्मचारी को गुड परफॉर्मेंस नहीं बल्कि वेरी गुड परफॉर्मेंस देना होगा. इसी पर प्रमोशन, सालाना इंक्रीमेंट भी निर्भर करेगा. सातवें वेतन आयोग ने वेतन बढ़ाने के साथ साथ इसकी भी सिफारिश की थी. निजी कंपनियों की राह पर सरकार अभी ऐसी नीति पर निजी कंपनियां पर काम करती हैं, लेकिन सरकार भी इसी राह पर चल पड़ी है. अभी सरकारी कर्मचारियों को 196 किस्म के अलाउंसेंस मिलते हैं. 53 अलाउंस खत्म करने के लिए कमेटी बनाई गई है जो 4 महीने में रिपोर्ट देने वाली है. सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को क्रियान्वित करने के लिए संशोधित वेतनमान को अधिसूचित कर दी है. इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में 2.57 गुना की बढ़ोत्तरी होगी. एक जनवरी 2016 से केंद्र सरकार में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए मासिक होगा और उच्चतम स्तर पर यह 2.5 लाख रुपए होगा. इन्क्रीमेंट के लिए 2 तारीखे निर्धारित अधिसूचना के अनुसार नए वेतन मैट्रिक्स के तहत एक जनवरी 2016 को कर्मचारियों का नया वेतन मौजूदा वेतन (मूल वेतन और ग्रेड पे का योग) के 2.57 गुने के बराबर होगा. इसके साथ साल में वेतन वृद्धि (इन्क्रीमेंट) के लिए दो तारीखें एक जनवरी और एक जुलाई होगी. फिलहाल इसके लिए केवल एक जुलाई की तारीख थी.