डी ए वी पी के खिलाफ फूटा गुस्सा प्रतियां जलाई गई

डी ए वी पी के खिलाफ फूटा गुस्सा प्रतियां जलाई गई
लखनऊ-लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के ऊपर डी ए वी पी के द्वारा जुल्म ढाते हुए, दमनकारी रवैया अपनाया जा रहा है। आज डी ए वी पी की नयी नीति 2016 के विरोध में डी ए वी पी नीति विरोधी मंच उत्तर प्रदेश के तहत उत्तर प्रदेश के प्रकाशक प्रेस क्लब में इकट्ठे हुए जिसमें वक्ताओं ने डी ए वी पी की नयी नीति का एक स्वर से विरोध किया। डी ए वी पी की नयी नीति की चर्चा करते हुए वक्ताओं ने आर एन आई एवं ए बी सी द्वारा सर्कुलेशन जांच पी टी आई, यू एन आई की वायर सर्विस लेने, प्रेस काउन्सिल की वार्षिक शुल्क अनिवार्यता कर्मचारी का पी एफ अकाउंट तथा प्रिंटिंग प्रेस की बाध्यता की जानकारी को आपस में साझा किया तथा इन दुरूह मानकों का विरोध किया। लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि समाचार पत्र भारत सरकार की ग्राम विकास योजनाओं को प्रकाशित करके सुदूर गाँव तक पहुंचाते हैं और इन समाचार पत्रों में अस्सी प्रतिशत समाचार होते हैं तथा बीस प्रतिशत विज्ञापन व अन्य सामाजिक समाचार होते हैं जबकि मुट्ठी भर समाचार पत्र जो पूंजीपतियों के हैं जिनमें अस्सी प्रतिशत विज्ञापन होते हैं। प्रदेश भर से आये प्रेस प्रतिनिधियों एवं प्रकाशकों ने एक स्वर में डी ए वी पी नीति का विरोध किया। कार्यक्रम के संयोजक शशिनाथ दुबे ने कहा कि हमारे अखबार चैपालों गाँव में हफ्तों दिखाई पड़ते हैं। गाँव का जनमानस हमारे साथ होगा डी ए वी पी की नयी नीति को जब तक वापस नहीं लिया जाएगा आंदोलन जारी रहेगा। सभी ने विरोध पत्र भरकर भारत सरकार को भेजने के लिए एकत्र किये। वक्ताओं ने आव्हान किया कि अपने अपने समाचार पत्रों में डी ए वी पी की नयी नीति पर विश्लेषणात्मक आलेख प्रमुखता से प्रकाशित करें जिससे डी ए वी पी द्वारा लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के ऊपर सरकार की दमनकारी नीति से जनमानस भी परिचित हो सके। वक्ताओं ने एक कार्य योजना तय करने के लिए प्रस्ताव रखा एकजुटता के साथ दिल्ली चलकर सरकार को घेरकर इस नीति को वापस कराया जाए। इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं में अरुण मिश्रा, रजा रिजवी, वसीम, मो. हारून, राजेन्द्र यादव, बी बी सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, शिव शरण सिंह, शिकोह आजाद, संजय चैबे, संजोग वाल्टर, अरविन्द शर्मा, वसीदुद्दीन, सुमित अवस्थी, विमलेश पांडेय, सरोज चंद्रा आदि लोग थे कार्यक्रम का संचालन अमरेंद्र प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रकाशकों ने प्रेस क्लब के सामने सड़क पर उतर कर डी ए वी पी नीति की प्रतियां जलाई एवं संकल्प लिया कि पूरे प्रदेश में केंद्र सरकार के द्वारा लाई गयी इस दमनकारी नीति का पुरजोर विरोध एवं आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इसको वापस नहीं करती। मंच के संयोजक शशिनाथ दुबे के अनुसार अगला कदम डी ए वी पी नीति के विरोध पर माननीय राज्यपाल महोदय को ज्ञापन देना एवं केंद्र में सत्तासीन पार्टी भाजपा का घेराव कर प्रबल विरोध जाहिर करना होगा।

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