ड्राइवर भाग गया यात्री ने बचाई 50 लोगों कि जान
Aug 7, 2016, 18:30 IST
उदयपुर -एक तरफ कुवां दुसरी तरफ खाई कि कवाहत तो आपने सुनी होगी लेकिन ऐसा हुआ राजस्थान के उदयपुर में खाई में गिरती बस को संभालकर पैसेंजर ने 50 लोगों की जान बचा ली। ड्राइवर विपरीत स्थिति देखते ही भाग खड़ा हुआ और भला हो एक यात्री का जिसने कमान संभाली जिससे लोगों कि जान बची |
दरअसल, उदयपुर से पिकनिक मनाने आ रहे टूरिस्ट की बस रणघाटी में उतरते समय बस के ब्रेक फेल हो गए। गाड़ी नहीं संभली तो जान बचाने ड्राइवर कूद भागा, लेकिन पैसेंजर्स में से ही एक तुलसीराम ने बस में सवार सभी 50 लोगों की जान बचाने के लिए स्टेयरिंग संभाल ली और सभी जिंदगियां बचा लीं।हालांकि, हादसे में 46 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहीं, बस की चपेट में आई तीन बाइकों के सवारों में से एक की मौत हो गई और अन्य का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।हादसा नेशनल हाइवे पर उदयपुर-ईडर के बीच रणघाटी में रविवार सुबह करीब पौने 11 बजे हुआ। असंतुलित बस ने तीन बाइक को चपेट में ले लिया। इसमें एक बाइकर अलसीगढ़ कोटड़ा के रहने वाले होमा की मौत हो गई। दुर्घटनाग्रस्त बस में करीब 50 यात्री सवार थे।
ऐसा लगा कि अब जिंदगी का हुआ अंत
50 लोगों की जान बचाने वाले तुलसीराम में बताया कि ऐसा लगा, मानो अनियंत्रित बस की तरह ही हमारी जिंदगी भी हाथ से खिसक रही हो। ड्राइवर भाग चुका था, लेकिन मैंने बस में बैठे 50 लोगों की ओर देखकर हिम्मत की। मैं तुरंत ड्राइवर सीट पर बैठ गया। स्टेयरिंग 90 डिग्री पर घुमा दिया। अगर थोड़ी सी चूक हो जाती तो सभी की जान जा सकती थी। क्योंकि, दूसरी तरफ गहरी खाई थी।
दरअसल, उदयपुर से पिकनिक मनाने आ रहे टूरिस्ट की बस रणघाटी में उतरते समय बस के ब्रेक फेल हो गए। गाड़ी नहीं संभली तो जान बचाने ड्राइवर कूद भागा, लेकिन पैसेंजर्स में से ही एक तुलसीराम ने बस में सवार सभी 50 लोगों की जान बचाने के लिए स्टेयरिंग संभाल ली और सभी जिंदगियां बचा लीं।हालांकि, हादसे में 46 लोग घायल हुए हैं। जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहीं, बस की चपेट में आई तीन बाइकों के सवारों में से एक की मौत हो गई और अन्य का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।हादसा नेशनल हाइवे पर उदयपुर-ईडर के बीच रणघाटी में रविवार सुबह करीब पौने 11 बजे हुआ। असंतुलित बस ने तीन बाइक को चपेट में ले लिया। इसमें एक बाइकर अलसीगढ़ कोटड़ा के रहने वाले होमा की मौत हो गई। दुर्घटनाग्रस्त बस में करीब 50 यात्री सवार थे।
ऐसा लगा कि अब जिंदगी का हुआ अंत
50 लोगों की जान बचाने वाले तुलसीराम में बताया कि ऐसा लगा, मानो अनियंत्रित बस की तरह ही हमारी जिंदगी भी हाथ से खिसक रही हो। ड्राइवर भाग चुका था, लेकिन मैंने बस में बैठे 50 लोगों की ओर देखकर हिम्मत की। मैं तुरंत ड्राइवर सीट पर बैठ गया। स्टेयरिंग 90 डिग्री पर घुमा दिया। अगर थोड़ी सी चूक हो जाती तो सभी की जान जा सकती थी। क्योंकि, दूसरी तरफ गहरी खाई थी।