राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बड़ी जीत-कैशलैस इलाज का शासनादेश हुआ जारी।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बड़ी जीत-कैशलैस इलाज का शासनादेश हुआ जारी।
 प्रदेश के लाखो राज्य कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलेगा लाभ। लखनऊ दिनांकः-29.08.2016। वर्ष 2013 में कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान सरकार और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मध्य विश्वास जमाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कैशलेस इलाज की सुविधा दिये जाने हेतु निर्णय मा0 वाई0बी0 चन्द्रचूर्ण मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक-22.11.2013 को दिया गया था तथा शासन द्वारा उक्त मांग पूर्ण करने हेतु शपथ पत्र भी दिया उसके बाद चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिनांक-25.05.2014 को कैशलैस इलाज न दिये जाने में हो रही उत्पन्न समस्याओं का जिक्र करते हुये मा0 उच्च न्यायालय को शपथ-पत्र दिया। उस पर दिनांक-09.05.2014 को पुनः मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पुर्नविचार कर कैशलैस सुविधा दिये जाने का आदेश दिया। इस पर 12 अगस्त 2014 को शासन द्वारा राज्य कर्मचारियों को बी0पी0एल0 धारको की भांति इलाज कराने की नियमावली जारी कर दी। और इसे उच्च न्यायालय में लगा दिया इस पर पुनः मा0 न्यायालय द्वारा ‘‘कैशलैस इलाज‘‘ ही उपलब्ध कराने का निर्देश 23.11.2014 को दिया। इस पर 25 अगस्त 2015 को एक समिति मुख्य सचिव द्वारा प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में बनाई गई जिसमें प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव राजस्व इसके सदस्य बनाये गये। 28.08.2016 को मुख्य सचिव द्वारा परिषद के अध्यक्ष को भी बैठक में सम्मिलित करने का निर्देश दिया। पुनः 19 नवम्बर को उक्त बैठक मे सी0जी0एच0एस0 की तर्ज पर प्रदेश के निजी अस्पतालों में उ0प्र0 के राज्य कर्मियों को उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी इस पर पुनः दिनांक-26 नवम्बर को राहुल भटनागर प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में बैठक की गई, जिसमें श्री राजीव कुमार, श्री सुरेश चन्द्रा, श्री अरविन्द नारायण मिश्रा उपस्थित हुये। दिनांक-29 दिसम्बर 2015 को पुनः बैठक हुई जिसमें उक्त अधिकारी एवं परिषद की तरफ से 4 पदाधिकारी सम्मिलित हुये तथा हेल्थ कार्ड/स्मार्ट कार्ड बनाने, निजी क्षेत्र के अस्पतालो को चिन्हित कर उनमें कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध कराने पर सहमति हुई। साथ ही यह भी मत स्थिर किया गया कि एस0पी0जी0आई0/एम्स सैफई, राममनोहर लोहिया जैसे चिकित्सा संस्थानों तथा मेडिकल कालेजों के उपाचार बिलो में 5 प्रतिशत कटौती कर 95 प्रतिशत का भुगतान किया जायेगा। अभी मनमानी कटौती कर कर्मचारी मरीजो को पेरशान किया जाता था पुनः 11.01.2016 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 20 जनवरी 2016 तक कमेटी की संस्तुतियों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया। दिनांक-17.02.2016 को राहुल भटनागर जी अध्यक्षता में हुई बैठक में अन्य निर्णय लिये गये, दिनांक-12.05.2016 को मुख्य सचिव द्वारा प्रमुख सचिव कार्मिक एवं प्रमुख सचिव वित्त को ‘‘एक सप्ताह में कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। दिनांक-24.05.2016 को मुख्य सचिव द्वारा प्रमुख सचिव चिकित्सा को ‘‘एक सप्ताह में कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश दिये‘‘। दिनांक- 07.06.2016 को प्रमुख सिचव कार्मिक को कड़े निर्देश दिये। दिनांक-13 जुलाई 2016 को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा मुख्य मंत्री कार्यालय घेरने का कार्यक्रम हुआ उसी दिन मुख्य सचिव दीपक सिंघल द्वारा मकान किराया भत्ता एवं कैशलेस इलाज अतिशीघ्र जारी कराने का आश्वासन दिया गया मकान किराया भत्ता जारी भी हुआ परन्तु कैशलेस चिकित्सा सुविधा पर त्वरित कार्यवाही नहीं हुई। फिर परिषद द्वारा दिनांक-10-11 एवं 12 अगस्त 2016 को तीन दिन की महा-हड़ताल का ऐलान किया उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। दिनांक-11.08.2016 को मुख्य सचिव दीपक सिंघल द्वारा ‘‘15 दिन में कैशलेस चिकित्सा सुविध दिये जाने का शासनादेश जारी कर दिया जायेगा‘‘ लिख कर देने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई। आज उक्त आदेश जारी हो गया। अव परिचर्या नियमावली बनाकर इसे लागू किया जायेगा इसे ‘‘गंभीर बीमारियों का इलाज‘‘ ‘‘प्लास्टिक कार्ड‘‘ बनावाकर प्रदेश के बड़े चिन्हित प्राइवेट अस्पतालो में जिसमें टाटा मेमोरियल बाम्बे भी सम्मिलित होगा, उसमें कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदेश के लाखो राज्य कर्मचारी, अधिकारी एवं सेवानिवृत्त अधिकारी- कर्मचारी ले सकेगे। अब इलाज से पूर्व काफी मात्रा में धन इकठा करने और बाद में भुगतान कराने में आने वाली परेशानियों से राहत मिल सकेगी। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी, का0 अध्यक्ष भूपेश अवस्थी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष यदुवीर सिंह, चैयरमैन संषर्घ समिति शिवबरन सिंह यादव, महामंत्री अतुल मिश्रा, सहित समस्त पदाधिकारियों ने लम्बे सघर्ष के बाद शासन द्वारा कैशलेस चिकित्स सुविधा प्रदान किये जाने पर राहत की सांस ली हैं, और प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को बधाई दी है।

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