पर्रीकर को अमेरिका ने बैठाया सर आँखों पर एक दशक से ज्यादा लंबित मामले पर हुआ समझौता
Aug 29, 2016, 18:30 IST
नई दिल्ली- केंद्र में मोदी कि सरकार आने के बाद भारत कि विदेश नीति जिस तरह से प्रभावी हुई है उसका असर यह पड़ रहा है कि भारत से जाने वाले मेहमानों का अमेरिका तहे दिल से स्वागत कर रहा है मनोहर पर्रिकर इस समय अमेरिका कि यात्रा पर हैं इस दौरान उन्हें अमेरिका द्वारा पूरा सम्मान दिया जा रहा है पर्रीकर एक वर्ष से कम समय में दूसरी बार अमेरिकी यात्रा पर आए हैं.ऐसा सम्मान विशिष्ट अतिथियों को ही दिया जाता है. सामान्य सत्कार के दौरान पेंटागन की सीढ़ियों पर आगंतुक का अभिवादन किया जाता है और हाथ मिलाकर स्वागत किया जाता है जिसके बाद उसे भवन के अंदर ले जाया जाता है.लेकिन विशिष्ट सम्मान के दौरान राष्ट्रीय गीत बजाया जाता है.
दोनों देशों में हुए महत्वपूर्ण समझौते
भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौते
पेंटागन में पर्रिकर और कार्टर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये। अमेरिका और भारत के बीच सोमवार लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलईएमओए) हो गया। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच एक दशक से ज्यादा समय तक चर्चा चलने के बाद इस समक्षौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके बाद कार्टर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, भारत में किसी भी सैन्य अडडे को स्थापित करने या इस तरह की किसी गतिविधि का कोई प्रावधान नहीं है। एलईएमओए भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच प्रतिपूर्ति के आधार पर साजो-सामान संबंधी सहयोग, आपूर्ति और सेवाओं का प्रावधान करता है। यह इनके संचालन की रूपरेखा उपलब्ध कराता है। इसमें भोजन, पानी, घर, परिवहन, पेट्रोल, तेल, कपड़े, चिकित्सीय सेवाएं, कलपुर्जे, मरम्मत एवं रखरखाव की सेवाएं, प्रशिक्षण सेवाएं और अन्य साजो-सामान संबंधी वस्तुएं एवं सेवाएं शामिल हैं।
दोनों देशों में हुए महत्वपूर्ण समझौते
भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौते
पेंटागन में पर्रिकर और कार्टर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये। अमेरिका और भारत के बीच सोमवार लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलईएमओए) हो गया। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच एक दशक से ज्यादा समय तक चर्चा चलने के बाद इस समक्षौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके बाद कार्टर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, भारत में किसी भी सैन्य अडडे को स्थापित करने या इस तरह की किसी गतिविधि का कोई प्रावधान नहीं है। एलईएमओए भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच प्रतिपूर्ति के आधार पर साजो-सामान संबंधी सहयोग, आपूर्ति और सेवाओं का प्रावधान करता है। यह इनके संचालन की रूपरेखा उपलब्ध कराता है। इसमें भोजन, पानी, घर, परिवहन, पेट्रोल, तेल, कपड़े, चिकित्सीय सेवाएं, कलपुर्जे, मरम्मत एवं रखरखाव की सेवाएं, प्रशिक्षण सेवाएं और अन्य साजो-सामान संबंधी वस्तुएं एवं सेवाएं शामिल हैं।