यूपीएसआईडीसी का एक अधिकारी अब लगा रहा चैनल में पैसा और उसी के इशारे पर रखे जा रहे हैं पत्रकार

यूपीएसआईडीसी का एक अधिकारी अब लगा रहा चैनल में पैसा और उसी के इशारे पर रखे जा रहे हैं पत्रकार
लखनऊ - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले जहाँ राजनीतिक पार्टियों में उठापटक चल रही है वहीँ चैनलों में भी नए लोगों का आना और पुराने लोगों का जाना लगा हुआ है यही हाल उत्तर प्रदेश के कानपुर से प्रसारित होने वाले एक चैनल का है जिसकी माली हालत पिछले कुछ वर्षों से काफी खराब थी जिसे उबारने वाले से ही चैनल ने हाथ जोड़ लिया |

अपने जन्म काल से ही बहुत कम कम समय पर अपने रिपोर्टर बदलने के लिए और देर सबेर बहुत कम पैसे में काम कराने के लिए सुविख्यात चैनल कि माली हालत लगभग 2 साल पहले सी ई ओ कि कमान सँभालने वाले ने केवल माली हालत ही नहीं सुधारी बल्कि चैनल कि साख जिसको बट्टा लगा हुआ था उसे भी काफी संवारा |
किसकी लगी है कमाई
अब खबर है कि इस चैनल में सी बी आई जांच में फंसे यू पी एस आई डी सी के एक अधिकारी कि काली कमाई इस चैनल में लगाई जा रही है और खबर यहाँ तक है कि उसी के इशारे पर टीम में बदलाव भी किये गए है और सौदा 55 करोड़ का हुआ है | चैनल में पैसे लगाकर अधिकारी जहाँ अपने को बचाने कि जुगत कर रहा है वहीँ चुनाव से पहले चैनल किसी भी तरह से अपने को मैदान में उतारने का प्रयास कर रहा है |
सूत्र यह भी बताते हैं कि बिना किसी मापदंड के ही इस चैनल को करोड़ों का सरकारी विज्ञापन दिया जाता रहा है |
कहाँ से आया अचानक पैसा
जिस चैनल को अपने कर्मचारियों समय से वेतन नहीं होता था उस चैनल के पास अचानक कहाँ से इतना पैसा आया जिससे यह कई डी टी एच पर आ गए जिसके लिए करोड़ों का भुगतान साल भर में करना होता है यह भी अपने आप में जांच का विषय है कि क्या चैनल द्वारा अपनी कमाई को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में डिस्क्लोज किया गया या नहीं यदि चैनल ने कमाई का ब्यौरा नहीं दिया होगा तो दंड के भागीदार भी हो सकते हैं साथ ही अब जो पैसा चैनल में लगाया जा रहा है वह कहाँ से आया किसके द्वारा दिया गया इसकी भी जांच होगी तो कई मामले परत दर परत खुल सकते हैं |

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