टोक्यो ओलंपिक में लाऊंगी स्वर्ण -साक्षी मलिक

टोक्यो ओलंपिक में लाऊंगी स्वर्ण -साक्षी मलिक
कानपुर -रियो ओलंपिक में कास्य पदक लाकर देश का नाम रोशन करने वाली साक्षी मलिक का मानना है कहीं न कहीं चूक हुई है।जिसके चलते सिल्वर मेडल नहीं मिल सका,लेकिन टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जरूर लाऊंगी।इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।कुश्ती में देश का नाम रोशन करने वाली हरियाणा की साक्षी मलिक शनिवार को शहर के जी.डी. गोयनका स्कूल पंहुची।यहां पर स्कूली बच्चों के साथ खूब मौज मस्ती कर कुश्ती के पैतरे बताए।छोटे-छोटे बच्चे स्टार खिलाड़ी को अपने बीच पाकर खुशी से झूमे नहीं समा रहे थे और दीदी-दीदी कहकर ऑटो ग्राफ लिए।छात्रा विनीता सिंह ने बताया कि आज हमारे लिए बड़ी खुशी का दिन है। खिलाड़ी का दिया हुआ ऑटो ग्राफ हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हो गया। खास बातचीत - साक्षी मलिक ने कहा कि रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल लाना चाहती थी।लेकिन दूसरी तरफ से रूसी पहलवान ने अधिक दमदार व मजबूत थी।कहा कि मैं मानती हॅूं कि तैयारी में कहीं न कहीं चूक हुई है।जिससे कांस्य से संतोष करना पड़ा।जब उनसे पूछा गया कि जापान के टोक्यो शहर में 2020 में होने वाले ओलंपिक के लिए क्या प्लान बनाया है।तो उन्होंने तबाक से जवाब दिया कि इस बार मैं देश को निराश नहीं करूंगी और स्वर्ण पदक लाकर ही दम लूंगी। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। बाबा से मिली प्रेरणा- साक्षी मलिक ने बताया कि कुश्ती की प्रेरणा मुझे अपने बाबा से मिली है और महज 12 वर्ष की उम्र से कुश्ती में लड़ना शुरू कर दिया।इसके साथ ही कहा रियो ओलंपिक में कांस्य पदक तक पहुंचाने में कोच कुल्दीप का भी अहम योगदान रहा है।  प्रतिभाओं की कमी नहीं- मलिक ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बडे़ शहरों के साथ छोटे-छोटे शहरों व खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सी ऐसी प्रतिभाएं है।जिन्हें मौका नहीं मिल पाता है अगर उन प्रतिभाओं को सही से निखारा जाय तो ओलंपिक में भारत का भी अमेरिका व चीन से दबदबा हो सकता है।  

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