मोदी की इस रणनीति के आप भी हो जायेंगे कायल जो पाकिस्तान को घुटने टिका देगी

मोदी की इस रणनीति के आप भी हो जायेंगे कायल जो पाकिस्तान को घुटने टिका देगी
नई दिल्ली - पाकिस्तान को मात देने के लिए मोदी ने अपनी कारगर और दूरगामी रणनीति बना ली है जिससे पाकिस्तान की सिंधु जल समझौते को लेकर दिनों दिन मुश्किल और भी बढ़ेंगी । भरोसेमंद सूत्रों की माने तो सिंधु जल समझौता को रद करने में भारत हड़बड़ी में कोई निर्णय नहीं लेगा ।बल्कि इस बारे में हर फैसला पाकिस्तान के रवैए से जुड़ा होगा। यही कारण है की प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सिंधु जल समझौते को लेकर जो निर्णय लिए गए है वो दो चरणों में लागू होंगे।पहले चरण में जो कदम उठाये गए है उस के आधार पर अब दोनों देश के सिंधु जल आयुक्तों की 6 माह पर होने वाली बैठक अब नहीं हो गई।आयुक्तों की बैठक न होने का मतलब ये हुआ की पाकिस्तान को अब हर विवाद के लिए विश्वबैंक व् अंतर्राष्टीय मंचो पर जाना होगा।इन दोनों तरह की एजेंसियो में विवाद को निपटने में समय लगता है।इस का एक उदहारण किसन गंगा प्रोजेक्ट है। दूसरा फैसला यह है की तुलबुल नैविगेशन पर अब बिना बिलंब के कम शुरू किया जायेगा।पाकिश्तान में इसे वूलर बैराज के नाम से जाना जाता है।1984 मे झेलम नदी पर डैम बनाने का प्रस्ताव रखा गया था।यह बैराज भारत मे मीठे पानी की सबसे बड़ी झील वूलर के मुहाने पर बनाया जाना है।भारत की इस पर439 फ़ीट लंबा और40 फ़ीट चौड़ा बैराज बनाने की योजना है।इस में हम बांध द्वारा30 लाख एकड़ फ़ीट जल संचित कर पाएंगे। ये दोनों फैसले तुरंत लागू कर दिए गए है। इस पर भी यदि पाकिस्तान गतविधिया बंद नहीं करेगा तो भारत इस के तहत सख्त रुख अपनाते हुए चेनाब नदी पर 3 नए बांध ,अपने हिस्से में नई बिजली परियोजना लगाना,और निर्माणाधीन परियोजनाओं के कम में तेजी लाना ये सारे कदम भारत मौजूदा सिंधु जल समझौते के तहत बिना संधि तोड़े उठा सकता है

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