फिर से जेल में होगा बाहुबली शहाबुद्दीन कोर्ट ने ख़ारिज किया जमानत

फिर से जेल में होगा बाहुबली शहाबुद्दीन कोर्ट ने ख़ारिज किया जमानत
नई दिल्ली - कोर्ट मुझे दोबारा जेल न भेजे | अगर कोर्ट आदेश दे तो वो सिवान या बिहार से बाहर कहीं भी रहने को तैयार हूँ | लेकिन यह दलील काम न आई और आखिरकार बिहार में आतंक का पर्याय बने शहाबुद्दीन को जेल जाना ही पड़ा | सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत याचिका रद्द कर दी है. अदालत के इस फैसले के साथ ही अब शहाबुद्दीन को दोबारा जेल में जाना पड़ेगा.बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन ने कल सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि उसे है. शहाबुद्दीन को दोबारा जेल भेजने की मांग करने वाली याचिकाओं के विरोध में उसके वकील की ये आखिरी दलील थी.
मंगलवार को चंद्रकेश्वर प्रसाद और बिहार सरकार के वकील ने शहाबुद्दीन को जेल भेजने के लिए ज़ोरदार दलीलें रखी थीं. बुधवार को शहाबुद्दीन की तरफ से वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े ने कहा कि बहुत से लोग उसके खिलाफ पूर्वाग्रह से भरे हैं. यही पूर्वाग्रह जजों के सामने रखा जा रहा है.
इस पर जस्टिस पी सी घोष और अमिताव राय की बेंच ने कहा, “हमें इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम तथ्यों के आधार पर सुनवाई करते हैं. आप अपनी बात कहें.
शेखर नाफड़े ने कहा कि इससे पहले 45 मामलों में शहाबुद्दीन को ज़मानत मिली. उनके खिलाफ राज्य सरकार ने इसलिए अपील नहीं की क्योंकि सभी फैसले तकनीकी रूप से सही थे. ये फैसला भी सही है. लेकिन इस बार राज्य सरकार राजनीतिक दबाव में है.
नाफड़े की दलील थी कि चाहे 2 भाइयों को तेज़ाब से जलाकर मारने की घटना हो या मामले के गवाह तीसरे भाई राजीव की हत्या, हर बार शहाबुद्दीन जेल में था. हर घटना के लिए उसे ज़िम्मेदार ठहराना एक रिवाज़ बन गया है. तीसरे भाई की हत्या के मामले में उसे हाई कोर्ट ने ज़मानत इसलिए दी क्योंकि निचली अदालत में मुकदमा शुरू ही नहीं हो रहा था.
शहाबुद्दीन के वकील ने आरोप लगाया कि उसे सिवान जेल से भागलपुर एक साज़िश के तहत भेजा गया. राज्य सरकार जान-बूझकर मुकदमे को लटकाना चाहती थी. मकसद यही था कि शहाबुद्दीन को सलाखों के पीछे रखा जाए. उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि शहाबुद्दीन को अब तक राजीव हत्या मामले में चार्जशीट की कॉपी तक नहीं दी गई है.

हालांकि, शहाबुद्दीन के चलते अपने 23 बेटों को गंवाने वाले चंदा बाबू के वकील प्रशांत भूषण और बिहार सरकार के वकील दिनेश द्विवेदी ने इस बात का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन ने 14 महीने तक अपने आप को आरोप मुक्त कराने के लिए केस लड़ा. ये बिना आरोप पत्र की कॉपी पाए कैसे हो सकता है?
प्रशांत भूषण ने कहा कि खुद शहाबुद्दीन ने आरोप से मुक्ति के लिए केस लड़ के मुकदमे को लटकाया. उसने जेल में रहते हुए हर नियम को तोड़ा. तभी उसे सिवान से भागलपुर भेजा गया. लेकिन वो इसे भी अपने बचाव के लिए इस्तेमाल कर रहा है.
शहाबुद्दीन मामले में बिहार सरकार ने भी उसे जमानत का विरोध किया और पीड़ित परिवार ने भी कहा कि शहाबुद्दीन बहाना बना रहा है और 14 महीने तक अपने आप को आरोप मुक्त कराने के लिए केस लड़ा |
फिलहाल बिहार की राजनीति अचानक गरमा गई थी जब शहाबुद्दीन को जमानत दि गई और उसने छुटते ही कहा था की लालू यादव उसके नेता हैं | बिहार में आतंक था और अब उसके जेल जाने की खबर से काफी जनता को राहत मिली है |
सोर्स वेब

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