सोशल मीडिया पर दोस्ती और फिर लूट

लखनऊ - सोशल मीडिया पर पहले दोस्ती हुई और जब यही दोस्ती खूब पक्की हो गई तो दोस्त को ही लाखों रूपये का चूना लगा दिया। ऐसा सिर्फ एक के साथ नहीं बल्कि सैकड़ों के साथ फ्रॉड करने वाले 4 जालसाज अब लखनऊ पुलिस के शिकंजे में है। पुलिस ने यह कार्रवाई एक पीड़ित की शिकायत के बाद की है। विदेशी मुख्य आरोपी फरार बताया गया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हजारों रूपये की नगदी के साथ ही कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किये है। पुलिस अधिकारी आरोपियों द्वारा करोड़ों रूपये की ठगी की बात कर रहे है। पीड़ित सुरेश गुप्ता नाम के शख्स ने एसएसपी लखनऊ से खुद के साथ ठगी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। एसएसपी के निर्देश के बाद लखनऊ की साइबर क्राइम सेल ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी। जैसे - जैसे जाँच आगे बढ़ती गई मामले की परत दर परत भी खुलनी शुरू हो गई। बाद में कड़ी से कड़ी जोड़ने के बाद साइबर क्राइम सेल में तैनात पुलिस के जवानों को लखनऊ के हजरतगंज में एसबीआई के हेड ऑफिस के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारी शिवराम यादव ने बताया कि आरोपी वाटसएप और फेसबुक के माध्यम से पीड़ितों से पहले दोस्ती करते थे। बाद में जब आरोपियों को यकीन हो जाता था कि पीड़ित पूरी तरह से उनके जाल में फस गया तो वह इमोशनली ब्लैकमेल कर उनसे कभी शादी करने के नाम पर, कभी महंगे गिफ्ट भेजने के नाम पर कस्टम विभाग या फिर एम्बेसी से फोन कराकर फर्जी खातों में रूपये जमा करा लेते थे। आरोपियों ने पूछताछ में सैकड़ो लोगों से ठगी की बात भी क़ुबूल की है। आरोपियों द्वारा सैकड़ो लोगों से ठगी करने की बात क़ुबूल करने के बाद पुलिस ने जब बैंक खातों की पड़ताल शुरू की उसके भी होश उड़ गए। दरसअल इन खातों में करोडों रूपये के लेनदेन का पूरा लेखा - जोखा था। बाद में पूछताछ में आरोपियों ने देश के कोने - कोने से रूपये ट्रांसफर कराने के साथ ही विदेशों से भी रूपये जमा कराने की बात स्वीकार की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी आसानी से पुलिस की पकड़ में न आये इसके लिए आरोपियों ने फर्जी कागजों के आधार पर फर्जी नाम से खाते खुलवाए थे। पुलिस जाँच में आरोपियों के तार नाइजीरियन ठगों के गिरोह से जुड़े होने की भी बात सामने आई है। चरों आरोपियों की पहचान लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी शाहिल, इमरान अली और बरेली निवासी शरीफ और एक अन्य आरोपी शहज़ादे हुसैन के रूप में हुई है। आरोपियों के पास 65 हजार रूपये की नगदी विभिन्न बैंको के 22 फर्जी चेक बुक, 11 एटीएम कार्ड, 4 फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, 3 वोटर कार्ड, 5 पैन कार्ड और 9 मोबाइल के साथ ही कई अन्य कागजी दस्तावेज भी बरामद किये है। आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि कौन कैसे इनकी मदद करते थे। पुलिस आरोपियों के मददगारों को भी जल्द ही पकड़ने की भी कह रही है।

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