आतंकवादियों - बस छह महीने और !

आतंकवादियों - बस छह महीने और !
नई दिल्ली- घाटी में आतंकवादियों का साथ देने वाले गुटों का हौसला कमजोर पड़ा है और उन पर कार्रवाई करने का यह अच्छा मौका है। एक टॉप सैन्य अधिकारी ने कहा, 'हमारे पास अभी मौका है। नियंत्रण रेखा पर हमारी पकड़ उस पार के लोगों के मुकाबले अच्छी है। हमारे पास यही मौका है कि हम ऐसा अंतर पैदा कर दें, जिससे सीमापार आतंकवाद का साथ देने वाले डर जाएं।''हमें लगातार अभियान चलाने पर गौर करना होगा। आतंकी नेटवर्क बैकफुट पर तो है, लेकिन उसे गंभीर चोट पहुंचाने के लिए हमें मीडियम टर्म योजना तैयार करनी होगी, यानी कम से कम 6 महीने तक अभियान चलाने की जरूरत होगी। इक्का-दुक्का वार करने से आतंकवादियों पर असर नहीं होगा।' मीडिया में छपी ख़बरों के अनुसार सेना के अधिकारियों का मानना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पीओके में पकिस्तान से ज्यादा भारत की पकड़ बनी है अगर एक स्ट्रेटजी बनाकर चलें तो पीओके से पाकिस्तान का मामला साफ़ हो जाएगा |
उरी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब सेना और सरकार आतंकवाद से निपटने के लिए लंबी और कारगर योजना बनाने पर विचार कर रही है। सशस्त्र बलों ने सरकार से कहा है कि लगातार 6 महीनों तक अभियान चलाने पर ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को ठीक-ठाक तरीके से तबाह किया जा सकता है।वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के सरगना भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने के लिए आने वाले हफ्तों में और आतंकवादियों को भेजने की कोशिश करेंगे। ऐसे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीरी हिस्से में इनके और ठिकाने बन सकते हैं।
सेना का मानना है कि इन ठिकानों को नष्ट करना होगा। सैन्य अधिकारियों ने सरकार के आगे साफ किया है कि नियंत्रण रेखा के पार इस तरह के हमले करने के लिए कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने की भी जरूरत होगी। उनका कहना है कि सीमा पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही घाटी में लोगों का भरोसा जीतना होगा।



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