ऐसा क्या कर दिया यूपी और बिहार वालों ने की रेलवे विभाग

ऐसा क्या कर दिया यूपी और बिहार वालों ने की रेलवे विभाग
नई दिल्ली - चेनपुलिंग कर के ट्रेन को रोक देना अब बीते दिनों की बात हो जायेगी | उत्तर प्रदेश और बिहार में चलती ट्रेनों को रोक देना खासकर के स्कूली बच्चों के लिए फैशन बन गया था और रेलवे को इस वजह से रेलवे को 3 हजार करोड़ रुपये का नुकसान भी उठाना पड़ा है। यात्रियों को अब ट्रेन रुकवाने के लिए ड्राइवर के नंबर लिखे जायेंगे जिससे आपात स्थिति में संपर्क करना पड़ेगा | जिससे अब से यात्री ट्रेन में लगी चेन नहीं खींच पाएंगे।
आखिर ऐसा क्या हो गया कि भारतीय रेलवे आपात स्थिति में ट्रेन रोकने के लिए चेन पुलिंग सिस्टम को खत्म करने जा रहा है। दरअसल बेवजह होने वाली चेन पुलिंग से निपटने के लिए रेल मंत्रालय ने ट्रेन के डिब्बों से चेन को हटाने का फैसला किया है।
ट्रेन भी होती थी लेट
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बिना कारण चेन पुलिंग के चलते ट्रेनें अक्सर समय पर नहीं पहुंच पातीं। बरेली के इज्जतनगर में ट्रेनों से चेनों को हटाने का काम शुरू हो गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कोच में ड्राइवर और सहायक ड्राइवर के मोबाइल नंबर लिखे जाएंगे। आपात स्थिति में यात्री उन पर कॉल कर सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर डिविजन के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने कहा, 'देशभर की फैक्ट्रियों में बन रहे नए कोचों में अलार्म चेन नहीं लगाई जा रही हैं। ट्रेन में ड्राइवर और सहायक ड्राइवर के मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने के अलावा हर तीन डिब्बों के लिए एक कर्मचारी वॉकी-टॉकी के साथ तैनात किया जाएगा।' केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बरेली की यात्रा के दौरान कहा कि चेन खींचकर ट्रेन रोकना उत्तर प्रदेश और बिहार की एक गंभीर समस्या है। बिना वाजिब कारण के ट्रेन रोकने की वजह से रेलवे को भारी नुकसान हुआ है। रेलवे बोर्ड की अधिसूचना में पहले ही कोचों में चेन न लगाने को कहा जा चुका है। इज्जतनगर डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) चंद्र मोहन जिंदल ने कहा, ट्रेनों में देरी के प्रमुख कारणों में चेन पुलिंग को नकारा नहीं जा सकता। बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में चेन पुलिंग एक गंभीर समस्या है।

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