रूस ने बढाई पाकिस्तान की मुश्किलें
Oct 18, 2016, 18:30 IST
नई दिल्ली - भारत रूस के साथ मिलकर नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगा। इस मिसाइल की रेंज 600 किलोमीटर से अधिक होगी जिसमें पूरा पाकिस्तान आ जाएगा। इस मिसाइल से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मारक क्षमता बढ़ जाएगी। इससे वह दुश्मन के ठिकानों पर अचूक निशाना लगा पाएगा।यह समझौते भारत ने ब्रिक्स सम्मलेन कई सारे सनझौते किए। लेकिन सम्मेलन के वक्त मिसाइल समझौते की जानकारी नहीं दी गई थी, हालांकि फ्रिजेट्स और एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के सौदों का ऐलान किया गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के पत्रकारों को मिसाइल डील साइन किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम ब्रह्मोस मिसाइल को इंप्रूव करने पर सहमत हुए हैं। इसके अपग्रेडेड वर्जन को जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकेगा। हम इसकी रेंज बढ़ाने पर भी काम करेंगे। हम साथ मिलकर फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट पर भी काम करेंगे।
खास टारगेट को कर सकता है तबाह
भारत इस साल जून में मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) का मेंबर बना था। रूस इससे खुश है, इसलिए वह भारत के साथ मिलकर नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए तैयार है। एमटीसीआर की गाइडलाइंस में कहा गया है कि सदस्य देश 300 किलोमीटर से अधिक रेंज की मिसाइल ग्रुप से बाहर के देशों को न ही बेच सकते हैं और न ही उनके साथ मिलकर इन्हें बना सकते हैं। ब्रह्मोस की रेंज अभी 300 किलोमीटर है, जिससे पाकिस्तान में हर जगह प्रहार करना संभव नहीं है। भारत के पास नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल से अधिक रेंज की बलिस्टिक मिसाइल हैं, लेकिन ब्रह्मोस की खूबी यह है कि उससे खास टारगेट को तबाह किया जा सकता है। यह पाकिस्तान के साथ किसी टकराव की सूरत में गेम चेंजर साबित हो सकती है।
बलिस्टिक मिसाइल को आधी दूरी ही गाइड किया जाता है। इसके बाद की दूरी वे ग्रैविटी की मदद से तय करती हैं। वहीं क्रूज मिसाइल की पूरी रेंज गाइडेड होती है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है। यह बिना पायलट वाले लड़ाकू विमान की तरह होगी, जिसे बीच रास्ते में भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसे किसी भी ऐंगल से अटैक के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।
दुश्मन के डिफेन्स सिस्टम को दे सकता है मात
यह दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचते हुए उसकी सीमा के अंदर घुसकर ठिकानों को तबाह करने का दमखम रखती है। मिसाल के लिए, ब्रह्मोस से पहाड़ी इलाकों में बने आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया जा सकता है, जहां पारंपरिक जरियों से असरदार हमले नहीं किए जा सकते। गोवा में हुए द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के बीच नई मिसाइल बनाने पर सहमति बनी। समझौते के तहत ऐसी कम रेंज की मिसाइल भी बनाने की बात है, जिसे सबमरीन और हवाई जहाज से लॉन्च किया जा सकता है।
भारत ने अपने सामरिक मामलों में काफी मजबूती पाई है और यही सबसे बड़ी दिक्कत पकिस्तान की है क्योंकि वह जहाँ भारत से अपने को असहज मह्सुश कर रहा है वहीँ उसको लाभ देने के नाम पर चीन अपनी पैठ पकिस्तान में बढाता है जिसका खामियाजा उसे कई मामलों में भुगतना पड़ता है |
खास टारगेट को कर सकता है तबाह
भारत इस साल जून में मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) का मेंबर बना था। रूस इससे खुश है, इसलिए वह भारत के साथ मिलकर नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए तैयार है। एमटीसीआर की गाइडलाइंस में कहा गया है कि सदस्य देश 300 किलोमीटर से अधिक रेंज की मिसाइल ग्रुप से बाहर के देशों को न ही बेच सकते हैं और न ही उनके साथ मिलकर इन्हें बना सकते हैं। ब्रह्मोस की रेंज अभी 300 किलोमीटर है, जिससे पाकिस्तान में हर जगह प्रहार करना संभव नहीं है। भारत के पास नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल से अधिक रेंज की बलिस्टिक मिसाइल हैं, लेकिन ब्रह्मोस की खूबी यह है कि उससे खास टारगेट को तबाह किया जा सकता है। यह पाकिस्तान के साथ किसी टकराव की सूरत में गेम चेंजर साबित हो सकती है।
बलिस्टिक मिसाइल को आधी दूरी ही गाइड किया जाता है। इसके बाद की दूरी वे ग्रैविटी की मदद से तय करती हैं। वहीं क्रूज मिसाइल की पूरी रेंज गाइडेड होती है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है। यह बिना पायलट वाले लड़ाकू विमान की तरह होगी, जिसे बीच रास्ते में भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसे किसी भी ऐंगल से अटैक के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।
दुश्मन के डिफेन्स सिस्टम को दे सकता है मात
यह दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचते हुए उसकी सीमा के अंदर घुसकर ठिकानों को तबाह करने का दमखम रखती है। मिसाल के लिए, ब्रह्मोस से पहाड़ी इलाकों में बने आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया जा सकता है, जहां पारंपरिक जरियों से असरदार हमले नहीं किए जा सकते। गोवा में हुए द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के बीच नई मिसाइल बनाने पर सहमति बनी। समझौते के तहत ऐसी कम रेंज की मिसाइल भी बनाने की बात है, जिसे सबमरीन और हवाई जहाज से लॉन्च किया जा सकता है।
भारत ने अपने सामरिक मामलों में काफी मजबूती पाई है और यही सबसे बड़ी दिक्कत पकिस्तान की है क्योंकि वह जहाँ भारत से अपने को असहज मह्सुश कर रहा है वहीँ उसको लाभ देने के नाम पर चीन अपनी पैठ पकिस्तान में बढाता है जिसका खामियाजा उसे कई मामलों में भुगतना पड़ता है |