सतलुज परियोजना के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब मायूश और हरियाणा खुश

सतलुज परियोजना के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पंजाब मायूश और हरियाणा खुश
चंडीगढ़ -दो प्रदेश की राजनीति में फंसी सतलुज परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जहाँ हरयाणा में ख़ुशी है वहीँ पंजाब में मायूसी छा गई है और विधायकों ने जहाँ अपना इस्तीफा अध्यक्ष को भेजा है वहीँ कैप्टन ने सांसद पद से अपना इस्तीफा दे दिया है |
सतलुज यमुना लिंक नहर पर पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस के तमाम विधायकों ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया है।इससे पहले सतलुज यमुना लिंक विवाद पर पंजाब की प्रकाश सिंह बादल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने कहा है कि पंजाब सरकार का पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 असंवैधानिक है। सतलुज यमुना लिंक नहर बनेगी। यह फैसला पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने लिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह राय राष्ट्रपति के रेफरेंस पर दी है। अब सुप्रीम कोर्ट का 2002 और 2004 का फैसला प्रभावी हो गया, जिसमें केंद्र सरकार को नहर का कब्जा लेकर लिंक निर्माण पूरा करना है।
हरयाणा में इस फैसले को लेकर काफी ख़ुशी है और सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है की पहले भी फैसला उनके ही हक़ में था लेकिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने के वजह से यह फैसला लागू नहीं हो पाया था |

Share this story