नोटबंदी से मुजफ्फरपुर की बदनाम गलियों का ये है हाल
Nov 13, 2016, 18:30 IST
डेस्क-मुजफ्फरपुर तवायफ मंडी के लिए मशहूर उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित चतर्भुज, जहाँ शाम ढलते ही घुंघरू की आवाज और तबले की थाप गूंजती थी, मुजरे के नाम पर दिन भर सजने वाला अवैध देह व्यापार के इस मंडी में भी आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक का असर स्पष्ट रूप से दिखने लगा है |
यहां आकर मजदूर से लेकर बड़े घराने के लोग अपनी शारीरिक ईछापूर्ति के लिए मोटी रकम खर्च करते है |लेकिन मनोरंजन के नाम पर सभी कुछ मिलने वाली आज इन बदनाम गलियों में सन्नाटा छाया हुआ है।सन्नाटा का मुख्य कारण 500 और 1000 के नोट का बंद होना बताया जाता है। रेडलाइट एरिया में काम करने “वाली” ग्राहकों से सौदा पक्का करने से पहले छोटे नोट होने की बात पूछती है क्योंकि 500 और 1000 के नोट बंद होने के कारण छोटे नोटों कि कमी हों गयी इस बदनाम मुहल्ले में कोई छोटा नोट लेकर नहीं आता है बड़ा नोट होने पर एक या दो नोट में यहाँ काम चल जाता है. हमेशा ग्राहकों से गुलजार रहने वाला इस बदनाम मुहल्ला में भी बड़े नोट नहीं लिए जाने के कारण तंगी आ गई है जंहा दिन और रात में 10000 से लेकर 15000 कमा लेती है अब 600 से लेकर 800 तक हो रही है जिसका नतीजा है कि इन तवायफों के सामने भी आर्थिक तंगी हाल आ गई है |
यहां आकर मजदूर से लेकर बड़े घराने के लोग अपनी शारीरिक ईछापूर्ति के लिए मोटी रकम खर्च करते है |लेकिन मनोरंजन के नाम पर सभी कुछ मिलने वाली आज इन बदनाम गलियों में सन्नाटा छाया हुआ है।सन्नाटा का मुख्य कारण 500 और 1000 के नोट का बंद होना बताया जाता है। रेडलाइट एरिया में काम करने “वाली” ग्राहकों से सौदा पक्का करने से पहले छोटे नोट होने की बात पूछती है क्योंकि 500 और 1000 के नोट बंद होने के कारण छोटे नोटों कि कमी हों गयी इस बदनाम मुहल्ले में कोई छोटा नोट लेकर नहीं आता है बड़ा नोट होने पर एक या दो नोट में यहाँ काम चल जाता है. हमेशा ग्राहकों से गुलजार रहने वाला इस बदनाम मुहल्ला में भी बड़े नोट नहीं लिए जाने के कारण तंगी आ गई है जंहा दिन और रात में 10000 से लेकर 15000 कमा लेती है अब 600 से लेकर 800 तक हो रही है जिसका नतीजा है कि इन तवायफों के सामने भी आर्थिक तंगी हाल आ गई है |