ज्योतिषी का दावा, विरोध के बावजूद सफल रहेंगे पीएम मोदी
Nov 13, 2016, 18:30 IST
डेस्क -उज्जैन के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री के अनुसार ग्रहगोचर के आधार दिनांक 8 नवम्बर 2016 (मंगलवार, गोपाष्टमी) को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी को एक बडी घोषणा कर चैका दिया इतने बडे ऐलान की भनक किसी को भी नही लगी । उज्जैन के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री के अनुसार यदि ग्रहगोचर के आधार पर देखा जाये तो यह घोषणा मोदी जी को दीपावली पूर्व करनी थी परन्तु उस वक्त उनका चन्द्रमा निर्बल था तथा हिन्दूओ का त्यौहार होने के कारण उन्होने इस घोषणा को मंगलवार को की मंगलवार उनके नाम का स्वामी है शास्त्र में प्रमाण है कि जो व्यक्ति अपने स्वामी के अनुसार कोई भी कार्य करता है उसे उसमें फतह मिलती है नरेन्द्र मोदीजी की बोलते नाम से वृश्चिक राशि है ओर उनका स्वामी मंगल है मंगल अंगारकाय योग बनाता है । तथा इनका स्वरूप रक्तवर्ण भी है यह जो भी ठान लेते है उसे अवश्य करते है स्वामी बलवान होने से कुण्डली में मंगल प्रबल है । अगर वर्तमान गोचर की बात करे तो वर्तमान में गोचर में सूर्य बुध आदित्य योग लग्न में विराज मान है द्वितीय भाव में बुध ओर शनि की युति बैठी हुई है तृतीय भाव में शुक्र और चतुर्थ भाव में मंगल विराजमान है । उज्जैन के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री के अनुसार चन्द्रमा की स्थिति देखे तो वर्तमान में गोचर में मेष राशि का चन्द्रमा है राहू दशम भाव में और गुरू द्वादश भाव में स्थिति है । मोदी की कुण्डली की बात करे तो इनका जन्म 17 सितंबर 1950 को मेहसाना(गुजरात) में वृश्चिक लग्न में हुआ है तथा इनका चन्द्रमा भी वृश्चिक लग्न का ही है इनके लकी दिन मंगलवार , गुरूवार, और सोमवार है यह जो भी इन दिनो में कार्य करेगे इनको इन कार्यो में फतह मिलेगी । इनकी कुण्डली में कर्क नावांश एवं वृश्चिक राशि होने से निर्णय प्रबल होता है । दशम भाव में शनि और शुक्र विराजमान है जिससे प्रशासनिक सत्ता मिलती है । तथा चतुर्थ भाव में गुरू होने से माता सुख ओर धार्मिक विचार बनते है । अगले वर्ष 2017 में इनको बुध की दशा चलेगी तब थोडी परेशानी हो सकती हीै परन्तु यह अपने कार्य में प्रबल साबित होगे अभी इनको शानि की साढे साती चल रही है । शनि की साढेसाती होने विपरीत ग्रहदोष बनता है जिससे विरोधी सत्ता इनका विरोध करेगी परन्तु मंगल प्रबल होने से यह सब को सहन करेगे और कई बदलाब लायेगे । पंडित "विशाल" दयानन्द शास्त्री।।