किसानों का रोना रोने वाले विपक्ष पर मोदी सरकार का करारा जवाब समर्थन मूल्य बढ़ाया

किसानों का रोना रोने वाले विपक्ष पर मोदी सरकार का करारा जवाब समर्थन मूल्य बढ़ाया
नयी दिल्ली -किसानों को नोटबंदी से हो रही परेशानी का रोना रोने वाले विपक्ष को मोदी सरकार ने एक और चोट दी है । सरकार ने आज गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य :एमएसपी: 100 रपये बढ़ाकर 1,625 रपये प्रति क्विंटल कर दिया। इसके अलावा विभिन्न दालों का एमएसपी 550 रूपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। विपक्ष द्वारा यह भी आरोप लगाया जा रहा था कि नोटबंदी के बाद से रकबे में कमी आएगी । एमएसपी में बढ़ोतरी का मकसद इनकी रबी फसलों का उत्पादन बढ़ाना और कीमतों पर अंकुश लगाना है। प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति :सीसीईए: की बैठक मंे 2016-17 के लिए सभी रबी :सर्दियों की: फसलांे के एमएसपी को मंजूरी दी गई। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि सीसीईए ने गेहूं का एमएसपी 2016-17 की रबी फसल के लिए 100 रपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,625 रपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी है। पिछले साल यह 1,525 रपये क्विंटल था। प्रवक्ता ने कहा, गेहूं का एमएसपी 6.6 प्रतिशत, जौ का 8.2 प्रतिशत :बोनस सहित:, चना का 14.3 प्रतिशत, मसूर 16.2 प्रतिशत, रेपसीड-सरसांे का 10.4 प्रतिशत तथा साफ्लावर का 12.1 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इसके अलावा दलहन एवं तिलहन की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए इन फसलों पर एमएसपी के उपर बोनस की घोषणा भी की गई है। बोनस सहित चने का एमएसपी बढ़ाकर 4,000 रपये प्रति क्विंटल किया गया है। पिछले साल यह 3,500 रपये था। मसूर का समर्थन मूल्य 3,400 रपये से बढ़ाकर 3,950 रपये प्रति क्विंटल किया गया है। कृषि मंत्रालय ने चने और मसूर का समर्थन मूल्य बढ़ाकर बोनस सहित रबी सत्र के लिए 4,000 रपये प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव किया था। पिछले साल चने और मसूर का एमएसपी क्रमश: 3,500 और 3,400 रपये प्रति क्विंटल तय किया गया था। इनमंे दोनों पर 75 रपये का बोनस भी शामिल था। एमएसपी वह दर है जिस भाव पर सरकार किसानांे से खाद्यान्न खरीदती है। रबी फसलांे का विपणन 2017-18 मंे अप्रैल से किया जाएगा। सरकार द्वारा उठाये गए आर्थिक सुधार के कदम से जहाँ महगाई दर में कमी आ रही है साथ ही किसानों की भी स्थिति सुधरने में सहायता मिलेगी । सोर्स वेब

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