जानिए इनकम टैक्स विभाग का अगला कदम

जानिए इनकम टैक्स विभाग का अगला कदम
नई दिल्ली-बैंक के ट्रांजैक्शन पर अब सरकार की नजर इनकम टैक्स पर रहेगी ,इसको लेकर इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव भी किये जा रहे है | लोग सरकार के नजर से बचने के लिए 50000 के कम से रकम जमा कर थे लेकिन अब जो भी बैंक ट्रांजैक्सन कर रहा है वो इनकम टैक्स की नजर में है |
लोगों को लग रहा था की अगर उनके द्वारा पैन नहीं दिया गया तो इनकम टैक्स की नजर उन पर नहीं रहेगी | लेकिन सरकार ने यह कवायद केवाईसी के जरिए पहले ही पूरी कर ली थी |
नोट बैन के बाद से सरकार ने बैंक ट्रांजैक्शन और पैन कार्ड की अनिवार्यता को लेकर नियमों में बदलाव किया है। नोट बैन के बाद से बैंक ट्रांजैक्शन में किसी तरह की गड़बड़ी न होने पाए, इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बैंक में पैसे जमा कराने वालों पर खास नजर है। जिसके लिए इनकम टैक्‍स एक्‍ट एंड रूल के तहत प्रावधान 14बी में अमेंडमेंट किया है। नए नियम के अनुसार अब 50 हजार से ज्यादा हो या 2.5 लाख रुपए तक डिपॉजिट हो, सभी पर सरकार नजर रख रही है।
इनकम टैक्‍स एक्‍ट एंड रूल में किया जाता है बदलाव
भारत में ज्यादातर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए आपको परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन कार्ड) की जरूरत होती है। पैन कार्ड एक ऐसा बेसिक डॉक्युमेंट है, जिसके जरिए आप कई तरह की सुविधाएं पा सकते हैं। बैंक अकाउंट खुलवाना हो या इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना या फिर एक लिमिट तक बैंक ट्रांजैक्शन हर जगह पैन कार्ड की जरूरत होती है। ये नियम इनकम टैक्‍स एक्‍ट एंड रूल-1962 के प्रावधान 14बी के तहत लिस्टेड हैं। इसमें समय-समय पर बदलाव किया जाता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने नोट बैन के बाद से पैन कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। 50 हजार से कम की रकम भी बार-बार बैंक में जमा कराने पर भी आप पर नजर होगी। अगर आप 9 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच अपने बैंक अकाउंट में कई बार में 2.5 लाख या इससे ज्यादा रकम जमा कराते हैं तो बैंक इसकी जानकारी आईटी डिपार्टमेंट को देगा। जिसके बाद आपको अपने पैन कार्ड की पूरी जानकारी देनी होगी।
अगर आप बैंकिंग कंपनी या को-ऑपरेटिव बैंक से एक दिन में 50 हजार रुपए से ज्यादा के बैंक ड्रॉफ्ट खरीदते हैं तो आपको पैन कार्ड दिखाना जरूरी होगा। वहीं इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन होना जरूरी है।अभी तक को-ऑपरेटिव बैंक में पैन नहीं लगता था |

अगर आप बैंकिंग कंपनी या को-ऑपरेटिव बैंक में अकाउंट खोलते हैं तो पैन कार्ड की जरूरत होगी। इसमें जन धन अकाउंट शामिल नहीं है। यह नियम धोखाधड़ी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस नियम से ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगेगी। नियम के पहले बहुत से लोग एक नाम से कई अकाउंट खुलवा लेता था। हर अकाउंट में अलग-अलग तरीके से पैसों का लेन-देन होता था। ऐसे में पैसों की ट्रांजैक्शन पर सरकार की पूरी नजर रहेगी।

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