सर्दियों में भी दमकते रहेंगे अगर करेंगे यह अपनी डाइट में शामिल

सर्दियों में भी दमकते रहेंगे अगर करेंगे यह अपनी डाइट में शामिल
डेस्क-सर्दियों में अगर स्वस्थ रहना है तो आपको अपने खानपान और दिनचर्या में छोड़ा बदलाव लाना पड़ेगा शुष्क मौसम में तेज हवाए और गलन बहुत होती हैजिसमे आपका स्वास्थ तेजी से बिगड़ने लगता है लेकिन अगर आप इन आहारो को शामिल करेंगे अपने डाइट में तो कितना भी ठंडा मौसम हो आप को कुछ नही फर्क नही पड़ेगा |

अखरोट: मेवों में अखरोट ही ऐसा है, जिसमें ओलेइक एसिड जैसे अनसेचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं। ओमेगा-3 भी इस में पर्याप्त होता है। सर्दियों में इसे 50-60 ग्राम नियमित खाएं। याददाश्त दुरुस्त रखने के साथ जोड़ों के दर्द, दमा, गठिया व दिल के रोगों में फायदा पहुंचाता है।
मूंगफली: एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर भुनी या उबली हुई मूंगफली खाने से ऊर्जा मिलती है। इसमें मोनोसैचुरेटेड व पॉलीसैचुरेटेड फैट मिलता है, जो दिल के लिए फायदेमंद है। प्रोटीन के अलावा मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम जैसे खनिज तत्व भी प्रचुर होते हैं।
तिल: तिल में अच्छे किस्म की वसा होती है। भुने हुए तिल की गुड़ पट्टी स्वाद और सेहत, दोनों के लिए बढ़िया है। सफेद तिल जोड़ों को शक्तिशाली बनाता है। इसमें कैल्शियम भरपूर होता है। काले तिल में आयरन ज्यादा होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
आंवला: आंवले का रस रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ताजे आंवलों को पीस कर इसका रस निकाल लें। बीस-तीस मि.ली. रस में एक चम्मच शहद मिला कर सवेरे-शाम पिएं। कच्चे आंवले की चटनी भी बना सकते हैं।
गाजर: इस मौसम में रोज गाजर का एक गिलास रस पीने से शरीर को भरपूर एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन, विटामिन-ए, बी, सी व कैल्शियम और पेक्टीन आदि मिलते ही हैं, यह सर्दी-जुकाम होने से भी बचाती है। गाजर के रस में पालक और चुकंदर का रस मिलाना इसके लाभ को और बढ़ा देता है। संक्रमण से बचाव होता है और आंतों को बल मिलता है।
खजूर: खजूर शरीर के लिए जरूरी खनिज तत्वों का अच्छा भंडार तो है ही, विटामिनों और एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है। सर्दी में यह शरीर को भरपूर ऊर्जा देता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। रात के समय भोजन से दो-तीन घंटे बाद 5-6 खजूर दूध में भिगो कर खाए जाएं और घूंट-घूंट कर दूध पी लिया जाए तो इसका बढ़िया लाभ मिलता है।
बादाम: बादाम में शरीर के लिए फायदेमंद वसा पाई जाती है। कैल्शियम के साथ यह विटामिन-ई, विटामिन-बी 17 और फॉलिक एसिड का भी अच्छा स्रोत है। इसे भिगो कर खाना ही ज्यादा फायदेमंद है। असल में बादाम के छिलकों में टैनिन होता है, जो इसके पोषक तत्वों को शरीर में ठीक से ग्रहण होने में बाधा पहुंचाता है। भिगोए बादाम से छिलका आसानी से उतारा जा सकता है। भिगोने के बाद इनमें एंटीऑक्सीडेंट भी बढ़ जाते हैं।
गर्म दूध-जाड़े के दिनों में शरीर को भरपूर ऊर्जा और पौष्टिकता देने के लिए रात में दूध पिएं। तरीका यह है कि सवेरे एक-दो मामरा बादाम भिगो दें। रात में सोने से पहले एक पाव दूध में आधा चम्मच सोंठ और चार-पांच पिंड खजूर या दो अंजीर के छोटे-छोटे टुकड़े डाल कर बीस-पच्चीस मिनट उबालें। दूध को ठंडा होने दें। गुनगुना रह जाए तो बादाम को छिलका उतार कर पत्थर पर घिसें और इसमें मिला दें। केसर की पांच-छह पंखुड़ियां भी दूध की कुछ बूंदों के साथ घोट कर मिला दें। ऊपर से एक चम्मच शुद्ध घी मिलाएं और अंजीर या पिंड खजूर खाते हुए गुनगुने दूध को घूंट-घूंट कर पिएं। कुछ देर बाद कुल्ला करके सो जाएं।
इतना इंतजाम संभव नहीं है तो उबले दूध को ठंडा होने दें। इसमें एक चम्मच घी और दो-तीन चम्मच शुद्ध शहद मिला कर पिएं। घी को पिघला कर मिलाएं। हाजमा ठीक हो तो यह दुबले-पतले लोगों के लिए भी बढ़िया प्रयोग है। यह प्रयोग तभी करें, जब खाना खाए हुए दो-ढाई घंटे हो चुके हों।

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