हत्या या आत्महत्या
Nov 27, 2016, 18:30 IST
कानपुर -कैंट थाने के सहादतगंज इलाके उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस की वर्दी में एक युवक का खून से लथपथ शव मिला। युवक के शरीर पर गोली लगने का निशान देखा गया जिससे बाद तत्काल मामले की सूचना पुलिस को दी गई । मौके पर पहुंची पुलिस ने वर्दीधारी युवक के शव को कब्जे में लेकर जब उसकी तलाशी ली तो मृतक की पहचान डॉक्टर आयुष तिवारी के रूप में हुई यह देखकर पुलिस भी हैरान रह गई या फिर एक डॉक्टर पुलिस की वर्दी में क्या कर रहा था और उसकी मौत कैसे हुई फिलहाल शुरूआती जांच सामने आया है कि डाक्टर आयुष दरोगा बनाना चाहता था लेकिन पिता डा राकेश तिवारी की दबाव में डॉक्टर बन गया लेकिन उसका वर्दी पहनने का शौक बरक़रार रहा।साथ ही डाक्टर वर्दी पहन कर अवैध पिस्टल भी रख कर चलता था।
फैज़ाबाद के मसौधा सीएचसी में डेंटिस्ट के पद पर तैनात डॉक्टर आयुष तिवारी शहर के कौशलपुरी इलाके के रहने वाले था और रात में शराब के नशे में धुत होकर डॉक्टर आयुष घर से निकले थे जिसके बाद घर नहीं लौटे वही अगली सुबह इन का शव शहर की सीमा सहादतगंज इलाके में बरामद किया गया ।पुलिस के सामने सबसे अहम सवाल यह है कि जिस स्थान और जिस समय मृतक डॉक्टर का शव बरामद किया गया उस समय उसके शरीर पर पुलिस की वर्दी और शव के पास एक अवैध पिस्टल पड़ी हुई पाई गई है सवाल यह है कि डॉक्टर आयुष की हत्या हुई या खुद डॉक्टर आयुष ने आत्महत्या फ़िलहाल पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज़ कर लिया है।डाक्टर आयुष दरोगा बनाना चाहता था लेकिन पिता डा राकेश तिवारी की दबाव में डॉक्टर बन गया लेकिन उसका वर्दी पहनने का शौक बरक़रार रहा।साथ ही डाक्टर वर्दी पहन कर अवैध पिस्टल भी रख कर चलता था।
फैज़ाबाद के मसौधा सीएचसी में डेंटिस्ट के पद पर तैनात डॉक्टर आयुष तिवारी शहर के कौशलपुरी इलाके के रहने वाले था और रात में शराब के नशे में धुत होकर डॉक्टर आयुष घर से निकले थे जिसके बाद घर नहीं लौटे वही अगली सुबह इन का शव शहर की सीमा सहादतगंज इलाके में बरामद किया गया ।पुलिस के सामने सबसे अहम सवाल यह है कि जिस स्थान और जिस समय मृतक डॉक्टर का शव बरामद किया गया उस समय उसके शरीर पर पुलिस की वर्दी और शव के पास एक अवैध पिस्टल पड़ी हुई पाई गई है सवाल यह है कि डॉक्टर आयुष की हत्या हुई या खुद डॉक्टर आयुष ने आत्महत्या फ़िलहाल पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज़ कर लिया है।डाक्टर आयुष दरोगा बनाना चाहता था लेकिन पिता डा राकेश तिवारी की दबाव में डॉक्टर बन गया लेकिन उसका वर्दी पहनने का शौक बरक़रार रहा।साथ ही डाक्टर वर्दी पहन कर अवैध पिस्टल भी रख कर चलता था।