आइये जाने देश पर 08 नवम्बर को आये वित्तीय संकट (आर्थिक संकट) के ज्योतिषीय कारण--

आइये जाने देश पर 08 नवम्बर को आये वित्तीय संकट (आर्थिक संकट) के ज्योतिषीय कारण--
प्रिय पाठकों, गौरतलब है कि‍ 8 नवंबर की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का ऐलान कि‍या था। इस ऐलान के 20 दि‍न बाद तक लोगों की कई चुनौति‍यों का सामना करना पड़ रहा है।नोटबंदी के बाद से पूरा देश नए नोटों और नकदी को पाने के ल‌िए बैंक और ATM के बाहर लाइन में खड़ा है। व‌िपक्षी पार्टियां सरकार को कोस रही है और जनता में सरकार के इस कदम को लेकर म‌िलीजुली प्रत‌िक्र‌िया है क्योंक‌ि सरकार से फिलहाल हर व्यक्त‌ि को नकदी की परेशानी उठानी पड़ रही है। हर व्यक्त‌ि यही जानना चाहता है क‌ि यह समस्या कब खत्म होगी तो आपके ल‌िए एक बड़ी खुशखबरी है जान‌ लीज‌िए। प्रिय पाठकों, नोटबंदी के बाद की समस्या पर ज्योत‌िषीय आंकलन करने से ज्ञात होता है क‌ि 8 नवंबर को भारत की कुंडली में धन भाव का स्वामी बुध का शन‌ि के साथ संयोग बना।गृह नक्षत्रों के विचित्र संयोग के कारण देश को अचानक वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा | पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार ऐसा नहीं हैं की ज्योतिषियों या पंचांगकर्ताओं ने इस घटना का वर्णन या अनुमान नहीं लगाया था, अनेकानेक पंचांगकर्ताओं ने अपने अपने माध्यम से (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष )यह बता दिया था की 08 नवम्बर को आर्थिक समस्या हो सकती हैं | क्यों की यदि खुलकर बता देते तो शासन-प्रशासन और सरकार द्वारा दण्डित होने का भी भय रहता हैं | खेर ,कल ( शुक्रवार,02 दिसंबर 2016 ) से शुक्र, मकर राशि में आ चूका हैं |चूँकि शुक्र वैभव,सुख -सम्पदा का कारक गृह हैं,इसके प्रभाव स्वरूव आर्थिक और वित्तीय समस्याएं धीरे धीरे दूर होने लगेंगी | क्यों हुआ यह वित्तीय/आर्थिक संकट ?? भारत की प्रभाव राशि मकर हैं और वर्तमान में मंगल ग्रह का गोचर,मकर राशि में चल रहा हैं |राज्य पक्ष का स्वामी शुक्र ग्रह होता हैं |जैसे ही 07 नवम्बर 2016 को शुक्र,धनु राशि में आया, वैसे ही यह आर्थिक/वित्तीय संकट हुआ | अभी शुक्र और मंगल का द्विदंश योग चल रहा हैं अर्थात एक ग्रह दूसरे ग्रह के भाव में हैं और दूसरा १२वें भाव में | जब कभी भी यह संयोग बनता हैं तो इस प्रकार की आर्थिक या वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं | इस संयोग के बाद से ही आर्थ‌िक समस्याओं का दौर शुरू हुआ। और जब से बुध ग्रह (09 नवम्बर 2016 से) वृश्चिक राशि में आया हैं, वहां बुध ने शनि के युति की |इस समय मंगल भी उच्च राशि मकर में हैं | इसलिए यह वित्तीय संकट होना स्वाभाविक था | असली परेशानी तब लोगों सामने आई जब सूर्य भी 16 नवंबर को वृश्चिक राश‌ि में आ गया। ज्योत‌िषशास्त्र में बुध को नकदी, व्यापार जबक‌ि सूर्य को सरकार का कारक माना गया है। पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार शन‌ि जनता के कारक ग्रह माने गए हैं। चूँकि सूर्य और शन‌ि दोनों के बीच वैर भाव है इसल‌िए इनका संयोग जनता और सरकार के बीच टकराहट की वजह बना। इस वजह से ही सरकार को व‌िपक्षी दलों के व‌िरोध का सामना करना पड़ रहा है।लेक‌िन नवंबर महीने के अंत‌िम सप्ताह में शन‌ि अस्त होकर कमजोर पड़ जाएगा और बुध धनु राश‌ि में आ जाएगा इससे गुरू बुध का राश‌ि पर‌िवर्तन योग बनेगा जो स्थिति को अनुकूल बनाने में सहायक रहेगा। नवंबर के अंत में ही ATM से जरूरत के अनुसार पैसे म‌िलने शुरू हो जाएंगे। लेक‌िन स्थिति को सामान्य होते होते 16 द‌िसंबर तक का समय लग जाएगा जब सूर्य शन‌ि को छोड़कर धनु राश‌ि में आ जाएगा। पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार मंगल भी मकर राशि छोड़ देगा| 11 दिसम्बर को मंगल,मकर राशि से कुम्भ राशि में चला जायेगा | इसके बाद स्थिति पूरी तरह से सामान्य होती द‌िखेगा लेक‌िन व‌िपक्षी के तेवर अभी शांत नहीं होगे देश के कुछ भागों में जन व‌िरोध और छुट पुट ह‌िंसक घटनाएं भी हो सकती हैं। ---प्रोपर्टी बाजार को होगा नुकसान -- पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार शनि का वृश्चिक राशि में होना, प्रोपर्टी बाजार के लिए शुभ नहीं हैं | वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल हैं और मंगल ग्रह भवन-भूमि का स्वामी होता हैं |26 जनवरी 2017 तक यह मंदी की परेशानी प्रोपर्टी मार्किट में बनी रहेगी | ========================================================= श्रीमान जी, धन्यवाद.. Thank you very much . पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,

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