गोंडा में जवाहरबाग़ काण्ड दोहराने को आमादा है प्रशासन

गोंडा में जवाहरबाग़ काण्ड दोहराने को आमादा है प्रशासन

लखनऊ (नरेश दीक्षित )-सूबे की अखिलेश सरकार को दागदार करने वाले मथुरा के जवाहरबाग़ काण्ड को अभी लोग भूले भी नहीं हैं तभी सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री की नजर गोंडा के ऐसे सहायता प्राप्त विद्यालय की करोड़ों की जमीन पर पड़ गई है जिसे हडपने के लिए भूमाफियाओं के जरिए विद्यालय में अराजकता फैलाकर प्रशासन तक को अपने दबाव में ले लिया गया है |अमर शहीद राजेन्द्र लाहिड़ी के नाम से स्थापित यह विद्यालय चार दशक पुराना है और उच्च न्यायालय के निर्देश पर अध्यापकों की नियुक्ति के बावजूद उसमे पठन-पाठन की प्रक्रिया तो दूर विद्यालय कक्ष के ताले तक नहीं खुल पा रहे हैं | दबंग मंत्री के दबाव में जिलाधिकारी खुद अपने ही आदेश का पालन करा पाने में लाचार हैं | अब विद्यालय प्रबंध समिति की ओर से मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँचा दिया गया है | पीएमओ ने उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर मामले में आवश्यक कार्रवाई कर उन्हें भी अवगत कराने के निर्देश दिए हैं |
विद्यालय की करोड़ों की भूमि पर दबंग मंत्री की नजर
लखनऊ -गोंडा रोड पर पंतनगर पथवलिया में काकोरी काण्ड के नायक राजेन्द्र लाहिड़ी की याद में वर्ष 1970 में अमर शहीद राजेन्द्र लाहिड़ी विद्यालय की स्थापना की गई थी | गौरतलब है कि क्रांतिकारी राजेन्द्र लाहिड़ी को गोंडा जिला कारागार में ही अंग्रेजों द्वारा फांसी दी गई थी | लगभग चार दशक तक निर्विवाद तौर से चलने वाले इस विद्यालय की करीब एक एकड़ भूमि पर नेताओं की नजर पड़ गई और उन्होंने भूमाफियाओं के जरिए विद्यालय के कर्मचारी से मिलकर शिक्षण कार्य में बाधा डलवानी शुरू कर दी | इन भूमाफियाओं ने विद्यालय के अध्यापकों को आतंकित व धमकाना शुरू कर दिया | ताकि वह विद्यालय आना छोड़ दें | जब अध्यापकों ने विद्यालय आना बंद नहीं किया तो कर्मचारी की मिलीभगत से विद्यालय कक्ष में ताला डलवा दिया गया जिससे शिक्षक विद्यालय के बरामदे में बैठने को मजबूर हैं | इतना ही नहीं,भूमाफियाओं ने विद्यालय में नामांकित छात्रों के अभिभावकों को भी धमकाया कि वह अपने बच्चों को इस विद्यालय में पढाई के लिए न भेजें | पथवलिया ग्राम सभा की प्रधान ने जब विद्यालय के शिक्षण कार्य को बाधित करने पर नाराजगी जताई और छात्र नामांकन में सहयोग किया तो उन्हें न सिर्फ आतंकित किया गया बल्कि उनके खिलाफ भी फर्जी शिकायतें करा दी गई |
अपने ही आदेश का अनुपालन नहीं करा पा रहे डीएम
विद्यालय के प्रबंधक ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने मामले की शिकायत जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन से की जिस पर डीएम ने जांच कराकर 30 मई 2016 को विद्यालय कक्षों का ताला खुलवाकर सभी दायित्व प्रबंधक को सौंपने का निर्देश दे दिए | लेकिन मंत्री के दबाव में न तो विद्यालय कक्ष के ताले खुले और न ही विद्यालय में शिक्षण कार्य ही शुरू कराया जा सका |एक तरफ प्रदेश सरकार बाल अधिकार अधिनियम और सर्व शिक्षा अभियान के तहत घर -घर सर्वे कराकर सभी बच्चों को स्कूल चलो अभियान के तहत शिक्षित करना चाहती है दूसरी तरफ अखिलेश सरकार के ही एक दबंग मंत्री करोड़ों की विद्यालय भूमि पर कब्ज़ा करने की मंशा से भूमाफियाओं के जरिए किसी भी दशा में इस विद्यालय को चलने नहीं देना चाहते हैं | इस बाबत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह द्वारा भी कई बार जिलाधिकारी से विद्यालय कक्ष के ताले खुलवाने का अनुरोध किया जा चुका है लेकिन डीएम पूरी तरह मंत्री के दबाव में हैं और वह किसी भी दशा में मंत्री की मंशा के विपरीत कार्रवाई कर अपनी कुर्सी खतरे में नहीं डालना चाहते हैं |जिस तरह अखिलेश सरकार के कद्दावर मंत्री के संरक्षण में मथुरा के जवाहरबाग़ की बेशकीमती जमीन पर अराजक तत्वों ने कब्ज़ा कर रखा था जिसे खाली कराने में सरकार को न सिर्फ खासी मशक्कत करनी पड़ी बल्कि कई लोगों की जानें भी चली गई | भूमाफियाओं द्वारा इस विद्यालय पर कब्ज़ा करने के लिए कई बार हथकंडे अपनाये जा चुके हैं जिसे विद्यालय प्रबंधन ने असफल कर दिया और संघर्ष होते होते टल गया | मंत्री के दबाव के चलते इन भूमाफियाओं के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई तक नहीं की जबकि बीएसए ने भी विद्यालय में अराजकता फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को लिख दिया था | यदि सरकार ने गोंडा के इस विद्यालय की करोड़ों की भूमि पर पड़ी मंत्री की नजर को आगे भी नजर अंदाज किया तो वह दिन दूर नहीं जब यहाँ भी जबरदस्त संघर्ष की स्थिति बन जायेगी जिसे संभालना शासन प्रशासन के लिए आसान न होगा |
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
मंत्री के दबाव में प्रशासन द्वारा विद्यालय के शिक्षण कक्ष खुलवाने के आदेश का अनुपालन न करा पाने की दशा में अमर शहीद राजेन्द्र लाहिड़ी विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य राहुल श्रीवास्तव ने 21 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था जिसपर पीएमओ ने 29 नवम्बर को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि वह मामले में आवश्यक कार्रवाई कर कृत कार्रवाई से अवगत कराएँ |

Share this story