पेट्रोल और डीजल पर कैशलेस उपयोग करने पर बचेंगे आप इतने रुपये

पेट्रोल और डीजल पर कैशलेस उपयोग करने पर बचेंगे आप इतने रुपये
नई दिल्ली -विपक्ष के विरोध की परवाह न करते हुए कल सरकार ने नोटबंदी का एक महीना पूरा होने पर अपने अगले चरण की घोषणा कर दी सरकार की कोशिश साफ है कि लोग कार्ड और ऑनलाइन भुगतान करें.
इसको बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डिजिटल भुगतान करने वाले लोगों के लिए 11 छूटों की घोषणा की. अब कार्ड से पेट्रोल और डीजल भरवाना सस्ता हो जाएगा. इसके अलावा रेल टिकट, जीवन बीमा, टोल टैक्स में भी लोगों को राहत मिलेगी. सबसे पहले बात पेट्रोल और डीजल की.
वित्तमंत्री ने आज ऐलान किया कि पेट्रोल-डीजल लेने के बाद डिजिटल पेमेंट करने वालों को 0.75 फीसदी की छूट दी जाएगी. सरकार की तरफ से दी गई इस छूट को आसान भाषा में समझिए. दिल्ली में अभी पेट्रोल 66 रुपये लीटर है. 0.75 की छूट का हिसाब करेंगे तो हर लीटर पर पेट्रोल में 50 पैसे बचेंगे और डीजल पर 41 पैसे बचेंगे.
अगर आप दिल्ली में कार की टंकी फुल कराते हैं एक बार में 30 लीटर तेल डलवाते हैं. अगर आप कैश पेमेंट करते हैं तो आपको देने होंगे 1980 रुपये, जबकि कार्ड से पेमेंट करेंगे तो 50पैसे लीटर के हिसाब से बचेंगे 15 रुपये और आपको कार्ड से 1965 रुपये देने होंगे.
इसी तरह बाइक में अगर टंकी फुल कराने के लिए 15 लीटर पेट्रोल डलवाते हैं तो कैश में लगेंगे 990 रुपये जबकि कार्ड से देंगे तो 982 रुपये देने पड़ेंगे.
मुंबई में हर लीटर पेट्रोल पर कार्ड से पेमेंट करने पर 55 पैसे बचेंगे. जबकि हर लीटर डीजल पर 45 पैसे की छूट मिलेगी. अगर आप मुंबई में हो तो वहां पेट्रोल 72 रुपये 62 पैसे लीटर है. अभी 30 लीटर तेल डलवाने पर कैश लगेगा 2178 रुपया लेकिन कार्ड से पेमेंट करने पर 18 रुपये बचेंगे और 2160 रुपये देने होंगे यानी हर बार 18 रुपये की बचत.
इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम के अलावा निजी कंपनियां एस्सार, रिलायंस और शेल भी पेट्रोल-डीजल बेचती हैं. भले ही इस पूरे प्रस्ताव को केवल सरकारी कंपनियों को शमिल किया गया हो लेकिन निजी कंपनियों के लिए बराबरी करना बढ़ते मुकाबले की मजबूरी है. मतलब उन्हें भी वैसा ही डिस्काउंट मुहैया कराना होगा. अब अगर ऐसा हुआ तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा होगा.
देश में हर रोज साढ़े चार करोड़ लोग पेट्रोल या डीजल भरवाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक रोज 1800 करोड़ रुपये का पेट्रोल/डीजल लोगों को बेचा जाता है. अभी तक 20 फीसदी पेमेंट कार्ड से किया जाता था नोटबंदी के बाद नवंबर के महीने में ये बढ़कर 40 फीसदी और कहीं-कहीं 50 फीसदी तक पहुंच गया.
सिर्फ 30 दिन में ही 360 करोड़ रुपए कैश की जरूरत कम हो गई. उम्मीद की जा रही है कि इस छूट के बाद 70-80 फीसदी लोग कार्ड से पेमेंट करने लगेंगे और एक साल में 2 लाख करोड़ रुपये कम नकदी की जरूरत होगी.
ये कब से लागू होगा इस पर अभी इसका एलान होना बाकी है. बगैर नकदी के लेनदेन और क्लासिक करेंसी को बढ़ावा देने के लिए दो सालों से चर्चा चल रही थी लेकिन कोई बड़ा फैसला नहीं हो पाया था. अब ऐसा लगता है कि नकदी के बदइंतजामी का आरोप झेल रही है सरकार ने आनन फानन ने 11 बड़े उपायों का एलान किया है.

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