जानिए धनु राशि में शनिदेव के आगमन का आपकी राशि पर प्रभाव

जानिए धनु राशि में शनिदेव के आगमन का आपकी राशि पर प्रभाव
प्रिय पाठकों, शनि देव, 26 जनवरी, 2017 को लगभग 21:34 बजे वृश्चिक राशि से धनु राशि में गोचर/प्रवेश करेगा/करने जा रहे है । धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति है , गोचर का प्रभाव ज्योतिष शास्त्र में चंद्र राशि पर आधारित होता है , राशियों के हिसाब से यह उतना अधिक सटीक नहीं होता है जितना वास्तविक प्रभाव आपकी व्यक्तिगत जन्मकुंडली में जन्म के समय ग्रहों के गोचर और ग्रहो के शुभ अशुभ पराभव पर निर्भर करता है। अतः आप अपनी जन्म कुंडली के आधार पर ही कोई उपाय करे।शनि की कुल दशा 19 वर्ष होती है और इसके अलावा साढ़ेसाती तथा दो ढैय्या का समय जोड़ा जाए तो शनि किसी के भी जीवन को लगभग 31 साल तक प्रभावित करता है। शनि 30 वर्ष में उसी राशि में पुन: लौटता है। इसी लिए किसी के जीवन में तीन से अधिक बार साढ़ेसाती नहीं लगती। अक्सर एक व्यक्ति 3री साढ़ेसाती के आस पास परलोक चला जाता है। यही कारण है कि जीवन में अधिकतर उपाय शनि के ही किए जाते हैं। शनि को ग्रहों में सर्वोच्च न्यायाधीश कहा गया है जो अनुचित कार्य करने वालों को समय आने पर दंड देता है। शनि को सूर्य पुत्र भी कहा जाता है परंतु जब कुंडली में यह दोनों ग्रह ,एक ही भाव में हों या परस्पर दृष्टि संबंध हो तो अनिष्ट फल देते हैं। यह वह ग्रह है जो राजा को रंक बना देता है और जमीन से आसमान पर भी ले जाता है। यह शत्रु भी है और मित्र भी। शुक्र की राशि तुला में शनि उच्चस्थ होते हैं और मेष में नीचस्थ। जिस भाव में बैठते हैं उसका भला करते हैं परंतु 3री, 7वीं और 10वीं दृष्टि से अनिष्टता प्रदान करते हैं। कभी एक परिमाण से फलादेश का परिणाम नहीं देखा जाता। ग्रहो का गोचर लिखते समय स्थान और देश का भी ध्यान रखना चाहिए इस समय हम शनि देव का गोचर भारत वर्ष के दिल्ली शहर से कर रहे है विभिन्न देशो में उसके आक्षांस और देशांतर को भी ध्यान में रखना चहिये जैसे भारत वर्ष में शनि देव का धनु राशि में गोचर 26 जनवरी 2017 को रात्रि 10 :40 बजे कर रहे है , साथ ही शनि देव धनु राशि में 6 अप्रैल 2017 को वक्री हो जायेगे जब कोई ग्रह वक्री होता है तो उसकी चाल उल्टी जो जाती है जिससे शनि देव का गोचर धनु राशि से वृश्चिक राशि में 21 जून 2017 को होगी ,वृश्चिक राशि में शनि देव 25 अगस्त 2017 को मार्गी होंगे और धनु राशि में पुनः प्रवेश 26 अक्टूबर 2017 को करेगे इसके उपरांत वह 24 जनवरी 2020 को धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगे। शनि देव की चाल बहुत ही मंद गति से होती है धनु राशि में यह 2.5 साल रहने के बाद 24 जनवरी, 2020 को मकर राशि में प्रवेश करेगे ।वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करने से मकर राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़े साती प्रारम्भ हो जाएगी । वृश्चिक राशि वाले जातको के लिये यह अंतिम चरण की साढ़े साती होगी तथा तुला राशि वाले जातक साढ़े साती से मुक्त हो जायेंगे। शनि के धनु राशि मे आते ही कन्या राशि के जातको की लघु कल्याणि ढ्य्या आरम्भ होगी तथा वृष राशि वाले जातको की अष्ठम शनि की ढ्य्या आरम्भ हो जायेगी। क्रमश पंडित दयानंद शास्त्री

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