जानिए पंडित दयानंद शास्त्री से शनि की ढईया के बारे में

जानिए पंडित दयानंद शास्त्री से शनि की ढईया के बारे में
डेस्क - पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार रोग, शोक और संकटों को दूर करने वाले शनि देव का राशि परिवर्तन सभी राशि के जातकों को प्रभावित करेगा। ढैया और साढ़ेसाती से पीड़ित राशियों के जातकों के जीवन में हलचल मच सकती है। कहते हैं कि साढ़ेसाती के समय न्याय प्रिय ग्रह शनि व्यक्ति को उसके पूर्व जन्म व वर्तमान में किए गए शुभ और अशुभ कर्मों का फल देते हैं। इसलिए कुछ लोगों को यह समय बहुत ही सुखदायी तो कुछ के लिए बहुत ही कष्टदायी होता है।========================================================== क्या होती है शनि की साढ़ेसाती व शनि की ढैया----आमतौर पर शनि एक राशि पर ढाई वर्ष तक रहते हैं। जिस राशि में शनि प्रवेश करते हैं उस राशि में और उससे पहले एवं बाद की राशि वाले व्यक्ति को अधिक प्रभावित करते हैं। शनि की इस स्थिति को साढ़ेसाती कहा जाता है। किसी व्यक्ति की राशि से शनि जब चौथे या आठवें घर में होते हैं तो उनकी ढैया होती है। साढ़ेसाती की तरह ढैया को भी कष्टकारी माना जाता है। ढैया कुल ढाई साल की होती है।
शनि की साढ़ेसाती व शनि की ढैया की शांति के उपाय---पण्डित"विशाल" दयानन्द शास्त्री के अनुसार जिन राशि वालों के लिए शनि की ढैया या साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें सुन्दरकांड, रामायण या हनुमान चालीसा का नित्य पाठ तथा शनि का व्रत करना चाहिए। शनिवार को प्रात:काल पीपल के वृक्ष में जलदान तथा सायंकाल दीपदान करना चाहिए। काले घोड़े की नाल की अंगूठी शनिवार को मध्यमा अंगुली में धारण करनी चाहिए। शनिवार का व्रत तथा शनि का दान करना चाहिए।

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