मीडियाकर्मी पर ममता सरकार द्वारा FIR अभिव्यक्ति की आजादी छिनने बराबर- लुनिया

मीडियाकर्मी पर ममता सरकार द्वारा FIR अभिव्यक्ति की आजादी छिनने बराबर- लुनिया
उज्जैन : बंगाल के धूलगढ़ में भड़के साम्प्रदायिक हिंसा को देश की आवाम के सामने रखने से पश्चिम बंगाल सरकार खासी नाराज हुई और ज़ी टीवी के एडिटर सुधीर चौधरी सहित पूजा मेहता और तन्मय मुखर्जी पर 153 ए धारा के दौरान FIR दर्ज करवाना मीडिया की अभिव्यक्ति की आज़ादी छिनने के सामान है. आल मीडिया जर्नलिस्ट सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष युवा पत्रकार विनायक ए जैन लुनिया ने इस कृत की निंदा करते हुए कहा की जो घटना घटित हुई है उसे आवाम को दर्शाना कहा का गुनाह है, सच दिखाना मीडिया का काम है और वो हम करेंगे, लुनिया ने आगे कहा की लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहलाने वाला आवाम की आवाज़ बनने वाले मीडिया पर सच दिखाने का क्या अब पश्चिम बंगाल सरकार इस तरह से आवाज़ दवायेगी अगर वो यह समझते है तो ये उनकी गलत फहमी है, आवाम की आवाज़ बनने वाली मीडिया जब घर के ही हमारे किसी भी साथी के साथ जब सच्चाई दिखाने के कारण FIR दर्ज कर या किसी और तरह से दरकार आवाज़ दवाने की कोशिश करेगा तो हम चुप नही बैठेंगे. श्री लुनिया ने समस्त देश के मीडिया कर्मी से आग्रह किया है की हमें आपने आपसी वैचारिक भेदभाव को किनारे कर एक होकर अपनी ताकत साबित करनी होगी ताकि इस तरह से मीडिया के अभिव्यक्ति की आज़ादी छिनने का कार्य फिर कोई ना करें.


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