अखिलेश यादव इस बार बुन्देलखण्ड से लड़ सकते हैं चुनाव

अखिलेश यादव इस बार बुन्देलखण्ड से लड़ सकते हैं चुनाव
बुंदेलखंड -पांच साल के कार्यकाल में 23 मर्तबा बुंदेलखंड की दौड़ शायद रन फार वोट की थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बुंदेलखंड के बबेरू या बबीना सीट से चुनाव लड़ने की मंशा जताने से यह बात साफ हो गई है। हालांकि इन दोनों सीटों का इतिहास सपा के लिए संतोषजनक नहीं रहा। बबेरू में 13 विधानसभा चुनाव में मात्र दो बार सपा को जीत हासिल हुई। बबीना में 11 चुनावों में सिर्फ एक बार सपा का परचम लहराया। बबेरू में पिछले 10 वर्षों से सपा और बबीना में बसपा का कब्जा रहा है चर्चा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अबकी विधानसभा चुनाव बुंदेलखंड से लड़ने के लिए दो सीटें बबेरू (बांदा) और बबीना (झांसी) पार्टी मुखियामुलायम सिंह यादव के सामने पेशकश की है। इसे लेकर बुंदेलखंड में राजनीति गरमा गई है। यहां के सपा विधायकों के साथ कांग्रेस विधायकों ने भी मुख्यमंत्री के यहां से चुनाव लड़ने स्वागत किया है बबेरू के सपा विधायक विशंभर सिंह यादव अपनी सीट मुख्यमंत्री के लिए छोड़ने की पेशकश पहले ही कर चुके हैं।किसान आत्महत्याओं कर्ज पेयजल संकट सूखा भूख से मौतें इत्यादि समस्याओं से जकड़े बुंदेलखंड से मुख्यमंत्री ने चुनाव लड़ने की मंशा जताई है। बुंदेलखंड वैसे भी कभी सपा का गढ़ नहीं रहा। यहां 70 के दशक तक लाल झंडा यानी वामपंथी काबिज रहे। उसके बाद कांग्रेस ने लंबी पारी खेली। फिर इस के बाद बसपा ने अपने पांव जमा लिए। मौजूदा समय में भी बुंदेलखंड से बसपा के सात विधायक हैं। हालांकि सपा ने भी अपने विधायकों की संख्या बसपा के बराबर कर ली है। चरखारी और हमीरपुर में उप चुनाव हुए सपा ने ये सीटें भाजपा से छीनीं थीं। बुंदेलखंड में कांग्रेस के चार और भाजपा का मात्र एक विधायक है। यहां 19 सीटें हैं। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनने के बाद हमीरपुर और महोबा में पांच पांच बार बांदा में चार बार और जालौन ललितपुर व झांसी में तीन-तीन बार आ चुके हैं लेकिन कभी यह भनक नहीं लगने दी कि वह यहां से चुनाव लड़ने का भी इरादा रखते हैं। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से सीएम ने इच्छा जताई थी लेकिन बुधवार की शाम को ही दोनों ही सीटों से प्रत्याशी घोषित कर दिए गए।


Share this story