एक बार फिर कानपुर दक्षिण बनी सपा की धुरी!

एक बार फिर कानपुर दक्षिण बनी सपा की धुरी!
कानपुर।उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के गठन के बाद से ही कानपुर में पार्टी की धुरी दक्षिण क्षेत्र ही रही और नरेश उत्तम के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही एक बार फिर कानपुर दक्षिण ने बाजी मार ली।हालांकि उत्तम मूल रूप से फतेहपुर के रहने वाले हैं पर राजनीतिक जीवन से कानपुर के दक्षिण में रह रहें है।जनता दल के समय से ही मुलायम सिंह कानपुर के दक्षिण में रहने वाले चौधरी हरमोहन सिंह पर विश्वास करते थे। यहीं नहीं कानपुर के अलावा प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों के मामलों में भी चौधरी की हनक रहती थी।समाजवादी पार्टी के गठन से लेकर उनकी मृत्यु तक कानपुर के आस-पास उन्ही की मर्जी से टिकटों का वितरण किया जाता रहा है।एमएलसी नरेश उत्तम पटेल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद एक बार फिर यह तय हो गया कि कानपुर में सपा की धुरी कानपुर दक्षिण ही रहेगी। यह अलग बात है कि इस बार पार्टी ने कुछ अधिक ही कानपुर दक्षिण पर विश्वास किया और कानपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में अब यहां की हनक रहेगी।बताते चलें कि उत्तम फतेहपुर जनपद के जहानाबाद विधानसभा के लहुरी सरांय के रहने वाले है,और राजनीतिक जीवन की शुरूआत कानपुर में ही रहकर की।किराए से लेकर निजी आवास तक उनका कानपुर क्षेत्र के दक्षिण ही रहा।  कुर्मी बाहुल्य है दोआबा- कानपुर से लेकर पूर्वांचल तक का दोआबा यानि गंगा यमुना की धरती कुर्मी बाहुल्य मानी जाती है।कानपुर में कटियार, सचान, फतेहपुर में वर्मा, उमराव, उत्तम, सिंगरौर, चन्द्रौल, इलाहाबाद व मिर्जापुर में चन्द्रौल, सिंगरौर, वाराणसी व मिर्जापुर में पटेल आदि नाम से कुर्मी जाने जाते है।जिससे माना जा रहा है कि दोआबा को मजबूत करने के लिए सीएम अखिलेश यादव ने नरेश उत्तम पर विश्वास किया है।  नेता जी के है करीबी- नरेश उत्तम साधारण किसान परिवार से आते हैं और राजनीतिक कैरियर की शुरूआत नेता के साथ रहकर किया।बताया जा रहा है कि उत्तम नेता जी के करीबियों में से एक रहें है जिसके चलते वह सदैव एमएलसी से ही विधायक रहते रहें।एक बार कैबिनेट में मंत्री तो सपा सरकार में लाल बत्ती उनकी बनी ही रहती है।इन सबके होने के बाद वह चर्चित नामों में कभी नहीं रहे,पहली बार जब प्रदेश उपाध्यक्ष बने तो सीएम अखिलेश यादव के हस्तक्षेप पर और अब प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा भी सीएम अखिलेश यादव ने खुद ही किया है। 

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