सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है - आर.के. सिन्हा

सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है - आर.के. सिन्हा
कानपुर।बंगाल में जब प्लैग फैला,तो स्वामी विवेकानन्द शिष्यों के साथ समस्याग्रस्त लोगों की सेवा के लिए निकल गए।शिष्यों के साथ पीड़ितों की मद्द में दिनरात लगकर भोजन,उपचार व लकड़ी की व्यवस्था कर बीमारी से मरने वालों का अंतिम संस्कार किया।  निष्काम सेवा भाव से कई दिनों तक ऐसा करने पर एक शिष्य ने पूछा,कि हम ऐसा कब तक करते रहेंगे, तब उन्होंने कहा कि जब तक समस्या दूर नहीं हो जाती।यह बात बुधवार को कानपुर में स्वामी विवेकानन्द जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित कायस्थ सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि सांसद आर. के. सिन्हा ने कही।रागेन्द्र स्वरूप ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में आगे भाजपा राज्यसभा सांसद ने कहा,शिष्य को समझाते हुए स्वामी विवेकानन्द बोले,‘‘इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है। यह हम समझे, जाने और समाज के ऐसे लोगों की हम मद्द करें।‘‘ कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा,आप सक्षम हो तो समझ लीजिए कि आपको ईश्वर ने दूसरों की मद्द के लिए बनाया है।इसकी मार्मिकता समझाने के लिए कहा, ‘‘जो बांटता है वह प्रसाद होता है और जो बटोरता है वह विषाद होता है।‘‘ इसलिए जरूरतमंदों के साथ उनकी मद्द के लिए हमेशा खड़े हो और सेवाभाव से कार्य करें।इससे बड़ा सम्मान महान विभूतियों के लिए और कुछ नहीं हो सकता। 

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