विडियो - यहाँ मत जाना - जहाँ रात ढलते हर इन्सान बन जाता है पत्थर

विडियो - यहाँ मत जाना - जहाँ रात ढलते हर इन्सान बन जाता है पत्थर
डेस्क - 900 साल पुराना एक मंदिर , जहा रात ढलते हर इन्सान बन जाता है पत्थर
मित्रो आज हम फिर से एक ओर रहस्यमय जगह में बारे में बताने जा रहे है जिससे लोग आज भी अन्जान है |

राजस्थान के बाड़मेर से 39 किलोमीटर की दूरी पर हाथमा गाँव है , जहां के मंदिरों के खंडहरों में रात में कदम रखते ही लोग हमेशा-हमेशा के लिए पत्थर बन जाते हैं। यह कोई शाप है, चमत्कार है या भूतों की हरकत- कोई नहीं जानता। हालांकि किसी ने यह जानने की हिम्मत भी नहीं की कि क्या सच में यहां रात रुकने पर वह पत्थर बन जाएगा? इस बात में कितनी सच्चाई यह जानने के लिए हमारी टीम यहाँ आई

मान्यता है कि इस शहर पर एक साधु का शाप लगा हुआ है। यह लगभग 900 साल पहले की बात है, तब इस शहर में एक सिद्ध संत ने डेरा डाला था । कुछ दिन रहने के बाद जब वे संत तीर्थ भ्रमण पर निकले तो उन्होंने अपने साथियों को स्थानीय लोगों के सहारे छोड़ दिया कि आप इनको भोजन-पानी देना और इनकी सुरक्षा करना। संत के जाने के बाद उनके सारे शिष्य बीमार पड़ गए और बस एक कुम्हारिन को छोड़कर अन्य किसी भी व्यक्ति ने उनकी सहायता नहीं की। बहुत दिनों के बाद जब संत पुन: उस शहर में लौटे तो उन्होंने देखा कि मेरे सभी शिष्य भूख से तड़प रहे हैं और वे बहुत ही बीमार अवस्था में हैं।

उस सिद्ध संत ने कहा कि जिस स्थान पर साधुओं के प्रति दयाभाव ही नहीं है, तो अन्य के साथ क्या दयाभाव होगा? ऐसे स्थान पर मानव जाति को नहीं रहना चाहिए।

यह सब देखकर संत को बहुत क्रोध आया। क्रोध में अपने कमंडल से जल निकाला और हाथ में लेकर संपूर्ण नगरवासियों को पत्थर बन जाने का शाप दे दिया
साधु ने उस कुम्हारन से कहा कि तेरे ह्रदय में दूसरों के लिए करुणा और ममता है इसलिए तू यहां से चली जा। साथ में साधू ने उस औरत को ये चेतावनी भी दी कि जाते समय पीछे मुड़कर बिलकुल नहीं देखना वरना तू भी इन सब कि तरह पत्थर की हो जाएगी। इतना सुनते ही कुम्हारन वहां से तुरंत chali गयी,
जाते वक़्त उसके मन में अचानक एक विचार आया कि क्या सच में किराडू के लोग पत्थर के हो गए हैं? यह देखने के लिए वह जैसे ही पीछे मुड़ी वह खुद भी पत्थर की मूर्ति में तब्दील हो गयी। कुम्हारन की वह पत्थर की मूर्ति आज भी अपने उस डरावने अतीत को बयां करती दिखाई देती है
इन सब रहस्यमई चीजो को देखने के बाद हमने रात को यही रुकने का मन बना लिया और हम इस्सी लिए यहाँ आएथे परन्तु ऐसा हो नासका पास के गाव में रहने वाले लोगो ने हमें यहाँ रुकने नहीं दिया

तभी तो आज तक इसका रहस्य बरकरार है। कैसे जान पाएगा कोई कि अगर ऐसा होता है तो इसके पीछे कारण क्या है? भारत में शोध और रिसर्च को न तो बढ़ावा दिया जाता और न ही सरकार इस पर कोई खर्च करती है, तो आज भी देश का इतिहास इसी तरह खंडहरों में दफन है।
नीचे देखें विडियो - सौजन्य से youtube

Share this story