जानिए क्या,कब और कैसे करे उपाय/प्रयोग की आपको लाभ मिले ..???

जानिए क्या,कब और कैसे करे उपाय/प्रयोग की आपको लाभ मिले ..???
डेस्क - ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की किसी भी ग्रह के उपाय को करने से पहले हमे उसे तर्क की कसोटी पर परखना आवश्यक होता है यदि हम ऐसे ही कोई भी उपाय करते है तो हमे फायदा चाहे न हो नुक्सान अवस्य हो सकता है | किसी भी ग्रह के उपाय करने से पहले हमे उसकी कुंडली में सिथ्ती देखनी होती है फिर ये देखना होता है की क्या वो आपको बुरे फल दे रहा है या नही | लाल किताब के उपाय आज बहुत ज्यादा प्रचलित है लेकिन हम उन उपायों के पीछे छुपा हुआ रहस्य बिना जाने ही करते रहते है | किसी भी उपाय को करने से पहले उसके पीछे छुपे हुवे रहस्य को अवस्य जाने फिर ही करे | आज कौन कौन से उपाय किस लिय किये जाते है उसी पर पोस्ट डाल रहा हूँ --- प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की सबसे आम उपाय है की किसी ग्रह की वस्तु को जमीन में दबा कर उसे नष्ट कर देना जैसे की वर्षफल में शुक्र आपके अष्टम भाव में आया हुआ है और शुक्र के अशुभ फल आपको मिल रहे है ऐसे में शुक्र की ज्वार को जमीन में दबा कर उस साल के लिय शुक्र को नस्ट करके उसके अशुभ फल में कमी कर ली जाती है लेकिन आपको ये ध्यान रखना आवश्यक होता है की आपकी पत्नी के साथ आपके सम्बन्ध कैसे है ?? प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की यदि आपकी पत्नी आपके लिय सही सिद्ध हो रही है और उनको किसी प्रकार की समस्या नही है तो ये उपाय आपको लाभ की बजाए नुक्सान भी कर सकता है | इसी प्रकार मंगल के सहद जमीन में दबा दिया जाता है लेकिन यदि उसी समय तीसरा भाव पाप ग्रह से पीड़ित हो तो भाइयों को नुक्सान होने के योग बन जाते है | प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की एक उपाय है किसी ग्रह की वस्तु को जल में प्रवाह करके उसके असर को अपने से दूर करना | इस उपाय का तर्क है की बहता हुआ जल उस ग्रह के दुस्प्रभाव को बहाकर अपने से दूर ले जा रहा है जैसे की यदि मंगल बारवें भाव में हो तो रेवड़ियाँ जल में प्रवाह करने की सलाह दी जाती है लेकिन यदि शनी ग्यारवें भाव में है और आप शनी की वस्तु जल प्रवाह करते है साथ ही आप ऐसा कार्य करते है जिसमे मजदूर वर्ग आपके निचे कार्य करते है तो आपको नुक्सान होने के योग बन जाते है | प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की एक अन्य तरीका है की ग्रह को न तो मारा जाए और न ही नष्ट किया जाए बलिक उसकी सिफ्फ्त को बदल दिया जाए जैसे पंचम में शनी को बच्चे खाने वाला सांप कहा गया है ऐसे में यदि किसी के बच्चे जन्म लेते ही मर जाते है तो शनी के बादाम एक मुठी मन्दिर में अर्पण कर उसमे से आधे घर में लाकर रखने होते है इस से शनी की सिफ्फ्त बदल जाती है और वो बच्चो को नुक्सान नही पहुंचाता | इसी प्रकार यदि राहू पंचम में सन्तान की हानि कर रहा हो तो उसका ठोस चांदी का हाथी घर में रखना होता है | प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की एक अन्य तरीका है शुभ ग्रह को कायम करना जैसे की चन्द्र दुसरे भाव में उंच का हो जाता है कालपुरुष की कुंडली में और जातक को शुभ फल देता है ऐसे में चन्द्र के हमेशा ही शुभ फल मिले उसके लिय माता के हाथ से चावल लेकर घर में रखने होते है ये चावल जैसे जैसे पुराने होते जाते है जातक की किस्मत में अच्छा साथ देते जाते है | इसी तरह किसी भी ग्रह से सम्बन्धित चीज को कायम की जा सकती है यदि वो शुभ फल दे रहा हो तो | प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की इसी तरह एक अन्य तरीका है की दो ग्रह के अशुभ फल दूर करने के लिय किसी अन्य ग्रह की मदद लेना जैसे की सूर्य शनी का फल अशुभ होता है ऐसे में इन दोनों ग्रह का मित्र बुद्ध की सहायता से इनके अशुभ फलों में कमी की जा सकती है क्योंकि वो इन दोनों में मध्यस्था कर देगा जैसे की इनका योग छ्टे भाव में होने पर घर में फूल वाले पोधे लगाना | एक उपाय है की ग्रह को उसी के कान पकडवा कर उसे सीधा करना जैसे की यदि सूर्य अशुभ फल दे रहा है तो सूर्य के बन्दर को सूर्य की वस्तु गुड खिला देना | प्रिय पाठकों/मित्रों, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री ने बताया की इस प्रकार कोई भी उपाय करने से आपको ये पता होना जरूरी है की आपको कब और कौन सा उपाय लाभ देगा | पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,

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