यहाँ की अदालत होती है रंगबिरंगी
Feb 22, 2017, 02:40 IST
रंग भरने वाली किताबें और खूब सारी जगह. स्कूल जैसा ये माहौल गोवा की अदालत के एक कमरे का है. ऐसा माहौल खास तौर पर तैयार किया गया है ताकि शोषण और मानव तस्करी से पीड़ित बच्चे बिनी किसी डर के गवाही दे सकें.
भारत के पश्चिमी राज्यों में सफल रहे बच्चों के लिए इस अनुकूल अदालत मॉडल से प्रभावित होकर अब देश की कई अदालतों ने ऐसे कमरों की शुरुआत की है. राजधानी दिल्ली और दक्षिणी राज्य तेलंगना भी इसमें शामिल हैं.
गोवा बाल न्यायालय की न्यायाधीश वंदना तेंदुलकर के मुताबिक बच्चों के बयान पर्याप्त समय और सही माहौल देकर दर्ज किए जा सकते हैं क्योंकि इनकी गवाही आरोपियों को सजा दिलाने में सबसे अहम होती है. उन्होंने बताया कि उनकी अदालत में किसी को भी काले कपड़े पहन कर आने की अनुमति नहीं है और न ही पुलिसकर्मी अपने यूनीफॉर्म में आ सकते है.
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