अभिव्यक्ति की इतनी आजादी कि प्रधानमंत्री की तुलना गधे से

दिल्ली----देश में मोदी सरकार बने तीन साल हो चुके है लेकिन विपक्ष वामपंथी नेता और कश्मीर की आजादी के लिए लड़ रहे लोग अभी भी यह मानते है की उनकी आवाज को दबाया जा रहा है जिसको लेकर विपक्ष मोदी सरकार को लगातार घेरने का काम कर रहा है ....

मोदी सरकार में बोलने की आजादी नहीं होने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश में इतनी अधिक स्वतंत्रता है कि प्रधानमंत्री तक की तुलना गधे से की जा सकती है। नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा आपको देश में अभिव्यक्ति की इतनी आजादी है कि आप प्रधानमंत्री को नाम लेकर बुला सकते हैं आप उनकी तुलना गधे से कर सकते हैं। और अब आप कहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।


हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार देश के अलगाव की वकालत करने वाली अभिव्यक्ति की आजादी की सोच की पक्षधर नहीं है। उन्होंने कांग्रेस और वामपंथी दलों पर देश के कुछ शिक्षण संस्थानों के घटनाक्रम को अलग रंग देने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया। नायडू ने कहा कि गलत राह पर चल रहे कुछ लोग युवाओं को गुमराह करने और सामाजिक तनाव पैदा करने के साथ देश की जनता की भावनाओं को आहत करने का प्रयास कर रहे हैं।



उन्होंने कहा अभिव्यक्ति की आजादी नहीं होने का प्रश्न ही कहां है संविधान के तहत यह प्रदत्त है। उन्होंने यह भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर कुछ तर्कसंगत पाबंदियां भी हैं। नायडू के मुताबिक आप दूसरों की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं कर सकते आप देश की एकता और अखंडता पर प्रश्नचिह्न नहीं खड़ा कर सकते। आप अलगाववाद की वकालत नहीं कर सकते कोई अलगाव की बात नहीं कर सकता। आजादी क्या है कश्मीर की आजादी क्या है उनका बयान पिछले सप्ताह दिल्ली के एक कॉलेज में संघ समर्थित एबीवीपी और वाम समर्थित आइसा के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष की पृष्ठभूमि में आया है। देशद्रोह के मामले में आरोपी जेएनयू छात्र उमर खालिद को एक सेमिनार में आमंत्रित करने को लेकर यह टकराव हुआ था।


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