दिल्ली में इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर साफ़ सफाई में क्यों लग गया ये युवा

दिल्ली में इंजीनियर की नौकरी छोड़ कर साफ़ सफाई में क्यों लग गया ये युवा

इलाहाबाद डेस्क - रिपोर्ट - सौरभ शुक्ल - आपने नाम फिल्म का वो गाना तो सुना होगा "बड़े दिनों के बाद हम बेवतनों को याद वतन से चिट्ठी आयी है" कुछ ऐसी ही कहानी आज हम आपको बताने जा रहे है जिसको सुनकर शायद आपके अंदर भी कुछ करने का ज़ज्बा जाग उठे... हर युवा की तरह #Allahabad का एक 24 साल का लड़का जो की बी टेक करने के बाद किसी अच्छी कंपनी में अच्छे वेतनमान के साथ काम करने की तमन्ना रखता है लेकिन जिस शहर मोहल्ले में वो पला बढ़ा वो शहर वो कैसे भूल सकता था अच्छी कंपनी में नौकरी करने के बावजूद जब पिछली बार वो अपने घर लौटा तो वो वापस दिल्ली न जा सका और उसने एक ऐसा कदम उठाया जिससे उसका परिवार और दोस्त रिश्तेदार सब नाराज़ हो गए.

  • जी हाँ हम बात कर रहे है इलाहाबाद के नैनी मोहल्ले में रहने वाले "अतुल सिंह" #Youth की जो की १२वी की पढ़ाई पूरी करने के बाद #Kanpur चला गया और वहां से इंजीनरिंग की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद #Delhi की एक कंपनी में नौकरी करने लगा, दो महीने नौकरी करने के बाद जब वो वापस अपने शहर इलाहाबाद आया तो अपने मोहल्ले की दशा देखकर वो विचलित हो उठा और उसने कसम खाई की अब वो दिल्ली नहीं जाएगा और अब राजनीति के ज़रिये वो अपने मोहल्ले की खस्ताहाल दशा को सुधारेगा।

  • इस फैसले के बाद किसी तरह अपने परिवार को अतुल सिंह ने समझाया की किसी न किसी को इस खस्ताहाल व्यवस्था को बदलने के लिए किसी को आगे आना पड़ेगा तो मैं क्यों नहीं, हर माँ बाप ये चाहता है की उसका बेटा आईएएस या आईपीएस बने न की सेना में जाए ठीक उसी तरह राजनीत में आकर इस 24 साल के युवा ने जो सपने अपने मोहल्ले के लिए देखें है वो वाकई कबीले तारीफ है जहाँ एक तरफ राजनीति को लोग हेय दृस्टि से देखते है वहीँ ये युवा राजनीति की ज़रिये ही लोगों के बीच जा कर अपनी बात रख रहा है और पुरानी परिपाटी को बदलने के लिए आगे आता दिख रहा है.


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