एक ऐसा मंदिर जहां बनते हैं बिगड़े काम !

एक ऐसा मंदिर जहां बनते हैं बिगड़े काम !

प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां पर जाकर आपके बिगड़े काम बन जाते हैं यह मंदिर सैकड़ों साल से अपने भक्तों की मन्नतों को पूरा कर रहा है इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में दुनिया भर से लोग आते हैं अपने कष्ट का निवारण करने के लिए और जब यहां से वापस जाते हैं तो मानो एक अजब सी शक्ति उनके अंदर होती है और वह खुशी-खुशी जाते हैं यह हम नहीं कह रहे हैं यहां पर आने वाले भक्त कह रहे हैं अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कौन सा मंदिर है कानपुर में जिसके बारे में आपको पता नहीं ऐसा नहीं है आप भी इस मंदिर के बारे में जानते हैं लेकिन हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ विस्तार से बताने जा रहे हैं सबसे पहले यह मंदिर कहां पर है और क्या है इसकी मान्यता और क्यों आते हैं दूर-दूर से लोग इस बारे में हम आपको अवगत कराएंगे.

कहां पर है और क्या है मान्यता-

उत्तर प्रदेश के कानपुर में सेंटर स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर पनकी स्थित हनुमान जी का मंदिर है जिसे पनकी मंदिर के नाम से भी जाना पहचाना जाता है यहां पर लाखों श्रद्धालु दूर-दूर आते हैं. ऐसी मान्यता है की हनुमान जी का ये मंदिर बेहद प्राचीन है।इधर आने वाले सभी भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं। यह के लोग कहते है की ये मंदिर करीब 400 बरस पुराना है।इसकी स्थापना श्रीश्री1008 महंत परषोतम दास जी ने की थी।लोगो यही नही रुक वह तो कहते है की कानपुर शहर की स्थापना से पहले पनकी का हनुमान मंदिर स्थापित हो चुका था।ये कहा जाता है कि महंत जी एक बार चित्रकूट से लौट रहे थे।
तभी जिस स्थान पर पनकी का मंदिर है,वहां पर उन्हें एक चट्टान दिखी जिस पर बजरंग बलि को देखा जा सकता था।बस उन्होंने तब ही उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करने का फैसला किया।

क्या कहते हैं लोग-

अमित प्रताप सिंह लगभग 22 वर्षों से लगातार पनकी मंदिर आकर बाबा के दर्शन करते हैं और कहते हैं कि जब तक दिन में एक बार बाबा के दर्शन ना कर ले मानो उनका दिन ही पूरा नहीं होता है अमित कहते हैं कि कितनी भी समस्या क्यों ना हो बजरंग बली बाबा के दर्शन करने के बाद जब वह घर की ओर वापस जाते हैं तो उनको मन में शांति वह समस्या का निवारण मिल जाता है अमित बताते हैं कि वह 2 साल की उम्र से अपने पिता के साथ पनकी मंदिर आ रहे हैं और तब से लगातार कोई भी दिन ऐसा नहीं गया है जब उन्होंने बजरंग बली बाबा के दर्शन ना किया हो।

क्या बोले महंत-

मंदिर के महंत जितेंद्र प्रसाद ने बताया की यह मंदिर कब अस्तित्व में आया इसकी जानकारी किसी को नहीं है।ऐसा माना जाता है कि ये मंदिर महाभारत काल से अस्तित्व में आया और उसी जमाने से यहां बुढ़वा मंगल का आयोजन भी किया जाता है

कानपुर से आप की खबर के लिए अवनीश कुमार


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