उर्दू टीईटी पर हाई कोर्ट सख्त

उर्दू टीईटी पर हाई कोर्ट सख्त

लखनऊ -एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा उर्दू सहित भाषा शिक्षकों से सम्बंधित यूपी-टीईटी परीक्षा निर्धारित मानदंडों के विपरीत कराये जाने के सम्बन्ध में दायर पीआईएल में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार से कई बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण माँगा है.

जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने कहा कि यह याचिका यूपी में भाषा शिक्षकों से सम्बंधित यूपी-टीईटी परीक्षा राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार नहीं होने के सम्बन्ध में दायर की गयी थी, जिसमे भाषा शिक्षकों के सभी टीईटी परीक्षा और इनके आधार पर किये जा रहे उर्दू शिक्षकों की भर्ती को निरस्त करने का निवेदन किया गया था, जिसमे छः लोगों ने प्रार्थनापत्र दिया था.

कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के हलफनामा दिनांक 8 मई 2014 में कहा गया था कि यूपी बेसिक शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार उर्दू सहित सभी भाषाओ के लिए अलग-अलग शिक्षक की जरुरत है. राज्य सरकार ने कहा कि उसे परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम बदलने का पूरा अधिकार है, जिसके आधार पर पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया गया था.

कोर्ट ने कहा कि याची तथा अन्य लोगों का कहना है कि अभी भी गलत पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा ली जा रही है. याचीगण ने सूचना का अधिकार के तहत दिनांक 11/03/2016 को प्राप्त सूचना प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार एनसीटीई के नियम सभी जगहों के लिए समान हैं और भाषा परीक्षा के लिए कोई अलग पाठ्यक्रम नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि आरटीआई से प्राप्त सूचना से यह भी स्थापित होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीटीई के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया. इस उत्तर में कहा गया कि परीक्षा में मात्र वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाने चाहिए थे, न कि निबंधात्मक प्रश्न.

कोर्ट ने कहा कि जब स्वयं एनसीटीई ने राज्य सरकार की परीक्षा को अनुचित बताया है ऐसे में सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह स्पष्ट करे कि उन्होंने किन स्थितियों में एनसीटीई के निर्देशों का उल्लंघन किया. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का हलफनामा इस बिंदु पर पूरी तरह चुप है जबकि इस प्रश्न का उत्तर आवश्यक है. अतः कोर्ट ने राज्य सरकार और एनसीटीई को दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 मई को होने के निर्देश दिए.


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