इस बच्ची ने पैरों को हाथ की तरह किया इस्तेमाल
कोंडागांव -न गरीबी और न ही विकलांगता आड़े आई जब नन्ही सी भावना ने वो करने को ठानी जहाँ आम इंसान अपने को सक्षम नहीं मानता है | भावना अपने दृढ इक्षा शक्ति के कारण जहाँ और बच्चों के मुकाबले अपने को बराबर पा रही है वहीँ उसने गरीबी के बावजूद पढाई को जारी रखा और अब यह बच्ची भावना क्लास 6 में पहुच चुकी है | बेहद ही गरीब परिवार में पली बढ़ी भावना जिसके पिता कुली का काम करते हैं और माँ मजदूरी कर के परिवार चलाती है उसने पढने को ठानी |
भावना ने उस समाज को भी सोचने को मजबूर कर दिया जहाँ लड़कियों के होने पर लोग अपनी जिम्मेदारी से भागने लगते हैं और उस पर भी विकलांग बच्ची को तो और भी बोझ समझने लगते हैं | लेकिन बच्ची ने हौसला रखा साथ ही गरीबी की मार झेल रहे भावना के माँ बाप के जज्बे को भी सलाम किया जाना चाहिए |
डाक्टर बनना चाहती है भावना
भावना ने मिदा से कहा की वह डाक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है जिससे वह अपने जैसे लोगों की सेवा कर सके | भावना ने अपनी कमजोरी को ही अपना हथियार बना लिया और हाथ न होने पर भी अपने पैरों को ही हाथ बना लिया | भावना की पढाई लिखी में उसकी बुआ ने उसकी काफी मदद की और अब भावना अपनी पढाई को जारी रखे है साथ ही उसका जज्बा आगे पढाई कर के डाक्टर बन्ने का भी है |