बराही माला में कंजर्वेटर ने ली वाचरों की बैठक

बराही माला में कंजर्वेटर ने ली वाचरों की बैठक


पीलीभीत। माला रेंज में वाचर ताराचंद की मौत के बाद वाचरों में उपजे असंतोष और भय को दूर करने के लिए आज बरेली के वन संरक्षक विनोद कृष्ण सिंह ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पांचों रेंजों के वाचरों के साथ सीधे संवाद किया और उनमें उपजे भय और असंतोष को दूर करने का भरसक प्रयास किया। उन्होंने बराही और माला में वाचरों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने नये पेट्रोलिंग प्लान की घोषणा भी की।
वन संरक्षक विनोद कृष्ण सिंह ने बीते दिन को सुबह बराही में और उसके बाद माला में वन वाचरों के साथ सीधे संवाद करने के लिए बैठक आयोजित की। बराही में बराही, हरीपुर और महोफ रेंज के वन वाचर तथा माला में माला व दियूरिया के वाचरों की बैठक ली। बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट आदेश दिया कि अब पेट्रोलिंग प्लान में तब्दीली की गयी है। अब कोई वन कर्मचारी या वाचर अकेले गश्त पर नहीं जायेगा। पैदल, मोटर साईकिल या साईकिल से गश्त पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि कम से कम चार आदमी चारों ओर दो साईकिलों पर या दो बाईक पर अथवा पैदल। चार से कम नहीं चलेंगे।
उन्होंने सभी वन रेंजों एवं वन चौकियों पर रेंजर, डीएफओ तथा उनके फोन नम्बर अंकित कराने के आदेश दिये। जिसमें वन अपराध, वन्य जीव अपराध अथवा वन्य जीव दुर्घटना के सम्बन्ध में सूचना दी जा सकती है। उन्होंने यह कार्य तीन दिन के अंदर कराने के आदेश दिये। बैठक में उन्होंने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के ईको सेंसटिव जोन में आने वाले दो सौ छियत्तर गावों को संवेदनशील घोषित कर दिया है। उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिया कि इन गावों में संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील गावों का वर्गीकरण किया जाये। विशेषकर जहां वन्य जीव मानव संघर्ष की घटनायें हो चुकी हैं उनको अतिसंवेदनशील में रखा जाये।
वन संरक्षक ने कहा कि छह सौ तैतीस वर्ग किलोमीटर में प्राथमिकता के आधार पर फैंसिंग कराने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जा रही है। उसके सम्बन्ध में जीपीएस से नक्शे रेंजरों से मांगे गये हैं। इसके अलावा नान टूरिस्ट जोन में बैरियर भी लगाये जायेंगे। जिससे कि टाइगर एरिए में किसी के भी प्रवेश को रोका जा सके। इसके अलावा जंगल की सभी वाटर वाडीज को मानीटर किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही साथ जो छियालीस वन चौकियां या वाच टावर अभी वायरलैस से नहीं जुड़ें हैं उनको वायरलैस से जोड़े जाने का प्रयास किया जायेगा। इसके अलावा पेट्रोलिंग के लिए कैबिन माउंटेक ट्रैक्टर की व्यवस्था भी की जा रही है।
बैठक में वाचरों ने नवम्बर से अभी तक वेतन न मिलने की शिकायत की जिस पर बताया गया कि लगभग चावालीस लाख रूपया इन वाचरों का टाइगर रिजर्व पर बाकी है। वन संरक्षक ने बताया कि इसके लिए वन प्रमुख सचिव को पत्र लिखा जा रहा है। वाचरों ने टार्च सर्च लाईट सहित कई अन्य मांगे भी रखीं जिन्हें तत्काल आवंटित करने के लिए निर्देश दे दिये गये हैं।


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